नई दिल्ली: कर्नाटक की BJP सरकार ने  मंगलवार को विधान सभा में धर्मांतरण रोकथाम बिल पेश कर दिया. बेलगावी में चल रहे विधान सभा के शीतकालीन सत्र में राज्य के गृह मंत्री ए ज्ञानेन्द्रा ने बिल को पेश किया. हालांकि विधान सभा की बिजनेस एडवाइजरी कमिटी के आज के कार्यकलाप में इस बिल का जिक्र नहीं था लेकिन दोपहर के बाद सप्लीमेंट्री एडवाइजरी के जरिये इस बिल को विधान सभा में पेश किया गया. 


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कांग्रेस के नेता और पूर्व CM सिद्धारमैया ने इस पर आपत्ति दर्ज की और कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है, इसीलिए गलत तरीके से इसे पेश किया गया. स्पीकर विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने इसके जवाब में कहा कि कल रात तक बिल की कॉपी प्रिंट नहीं हुई थी  सुबह प्रिंट होकर आ गई इसीलिए एजेंडा में इसे बाद में जोड़ा गया. इस बिल पर बुधवार को विधान सभा में बहस होगी.  


विपक्षी दल कांग्रेस और JDS ने आरोप लगाया कि सरकार का ये कदम दुर्भावना से ग्रस्त है. 


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कर्नाटक धार्मिक सरंक्षण अधिकार बिल 2021 की खास बातें


1.धर्मांतरण के लिए किसी भी तरह के प्रलोभन, चाहे वो उपहार के रूप में हो या आर्थिक मदद के तौर पर या फिर किसी और रूप में, इसकी अनुमति नहीं होगी. 


2.धर्मिक संस्थान की और से उनके शैक्षिणिक संस्थानों में नौकरी या मुफ्त शिक्षा का प्रलोभन.


3. किसी और धर्म के खिलाफ दूसरे धर्म का महिमा मंडन करना. 


4.शादी करवाने का वादा या फिर बेहतर जीवन या दैवीय मदद का भरोसा.


सजा का प्रावधान 


1. जनरल कैटेगरी वाले शख्स का धर्मान्तरण कराने वाले आरोपी को 3 से 5 साल तक की सजा दी जा सकती है, साथ में कम से कम 25 हजार के जुर्माने का प्रावधान.  SC /ST,नाबालिग, महिला और मानसिक रूप से कमजोर  शख्स का धर्मांतरण कराने वाले आरोपी को 3 साल से 10 साल तक की सजा. साथ ही कम से कम 50 हजार रुपये का जुर्माना.


2. सामूहिक धर्मांतरण के आरोपियों को 3 से 10 साल तक की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना.


3. धर्मांतरण के आरोप साबित होने पर दोषी की ओर से पीड़ित को 5 लाख रुपये तक बतौर मुआवजा देने का प्रावधान भी इस बिल में है.


4. अगर शादी सिर्फ धर्मांतरण के लिए की गई होगी तो उस शादी को रद्द करने का प्रावधान है.


स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन


अगर कोई शख्स अपनी मर्जी से धर्मान्तरण करना चाहता है तो उसे इसकी सूचना अपने जिले के डीसी कार्यालय को दो महीने पहले देनी होगी जिसके बाद डीसी इसकी पुलिस जांच कराएंगे और अगर वजह सही पाई गई तो उस शख्स को धर्म बदलने की इजाजत  दी जाएगी. जो धर्मगुरू धर्म परिवर्तन करवाएगा उसे कलेक्टर कार्यालय में 1 महीने पहले इसकी लिखित सूचना देनी होगी. 



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