नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की, जिसके बाद बीजेपी ने उनपर जबरदस्त पलटवार किया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वो किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान किसी पार्टी के नहीं हैं, अगर राहुल गांधी किसानों को पार्टी से जोड़ते हैं, तो ये उनकी नादानी है.


राजनीति में जुटी है कांग्रेस


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संबित पात्रा ने कहा कि 26 जनवरी के दिन जो हिंसा हुई, उसे सभी ने देखा. ऐसे में दिल्ली पुलिस ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए रोकथाम के उपाय कर रही है. जो कांग्रेस पार्टी को पसंद नहीं आ रहा है. क्योंकि कांग्रेस और उसके नेता चाहते हैं कि दिल्ली में गोलियां चलें और लाशें बिछें. ताकि कांग्रेस उस पर राजनीति कर सके. उन्होंने कि कांग्रेस देश को बचाने की जगह देश पर सवाल उठा रही है. संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई नेताओं ने 26 जनवरी की हिंसा पर कहा था कि हिंसा करने वाले लोग बीजेपी कार्यकर्ता हैं. वो किसान आंदोलन को बदनाम करना चाहते थे. लेकिन अब जब हुडदंगई करने वाले गिरफ्तार हो रहे हैं, तो आप बोल रहे हैं कि इन्हें छोड़ दिया जाए. यही नहीं, आप तो इन्हें कानूनी सहायता भी दे रहे हैं. यानी कि ये आपके ही लोग हैं?


न तो रिआना को कुछ पता, न ही राहुल गांधी को: पात्रा


संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और रिआना भारत देश के बारे में कुछ नहीं जानते. लेकिन दोनों ही ट्वीट करके वाहवाही लूट रहे हैं. महात्मा गांधी की प्रतिमा अमेरिका में तोड़ी जाती है, लेकिन इन दोनों के मुंह से एक शब्द नहीं निकला. न कश्मीरी पंडितों पर इन्होंने कुछ बोला है, न ही सिख गंदों पर. राहुल गांधी विदेश जाकर हिंदुस्तान के खिलाफ प्रोपेगेंडा करते हैं. उन्होंने कहा कि रिआना को भारत के संसदीय व्यवस्था के बारे में कुछ नहीं पता. मिया खलीफा को भारत के सुप्रीम कोर्ट के बारे में कुछ नहीं पता, लेकिन राहुल गांधी को तो पता है. फिर भी राहुल गांधी नासमझ बने हुए हैं.


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किला बंदी किसानों के खिलाफ नहीं, बदमाशों के खिलाफ


संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली पुलिस जो भी कदम उठा रही है. वो सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठा रही है. दिल्ली पुलिस हंगामा करने वालों, हिंसा करने वालों से निपटने के लिए तैयार हो रही है. ये किलेबंदी किसानों के खिलाफ नहीं, अपराधियों के खिलाफ है. ऐसे में दिल्ली पुलिस पर कोई सवाल नहीं उठना चाहिए.