UP Politics: यूपी में 10 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है. इसको लेकर रविवार देर शाम बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डडा के आवास पर बैठक हुई. उसमें गृह मंत्री अमित शाह के अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ, दोनों डिप्‍टी सीएम और यूपी प्रदेश अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री ने शिरकत की. दरअसल बीजेपी की परेशानी ये है कि सहयोगी जयंत चौधरी की पार्टी रालोद और निषाद पार्टी की तरफ से एक-एक सीट की डिमांड की जा रही है. इसको लेकर जो मंथन हुआ उसमें सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बीजेपी मीरापुर सीट रालोद को दे सकती है. उसका कारण ये है कि मीरापुर सीट रालोद के पास थी. यहां से रालोद के विधायक अब सांसद बन गए हैं. गौरतलब है कि 2022 के चुनाव में सपा और रालोद ने मिलकर चुनाव लड़ा था और रालोद ने ये सीट जीती थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में रालोद ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया. 


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इसी तरह का पेंच मंझवा सीट को लेकर फंसा है. इस सीट से निषाद पार्टी के विधायक अब सांसद बन गए हैं. अंदरखाने से खबर आ रही है कि बीजेपी निषाद पार्टी को मनाने की कोशिश कर रही है कि वो इस सीट पर अपने दावे को छोड़ दे. लेकिन यदि निषाद पार्टी नहीं मानी तो ये सीट भी उनको दी जा सकती है. हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी ये प्रपोजल भी निषाद पार्टी को दे सकती है कि वो अपने सिंबल पर बीजेपी के प्रत्‍याशी को लड़ा दें. यदि ऐसा होता है तो बीजेपी के प्रत्‍याशी 9 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. 


इस बारे में यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने कहा कि बीजेपी ने अपनी मीटिंग की है. परंपरा रही है कि वो इसके बाद अपने सहयोगी दलों को बुलाते हैं....जो भी प्रत्‍याशी खड़े किए जाएंगे, उनको जिताया जाएगा. बाकी पिछली बार हमारा चुनाव चिन्‍ह अंतिम समय में बदल देने से नुकसान हुआ था. कार्यकर्ता भी मायूस हुए थे...जो सीट देने की परंपरा रही है वैसे ही होगा. 


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सपा-कांग्रेस गठबंधन
उधर सपा ने इन 10 में से छह सीटों पर प्रत्‍याशियों की पहले ही घोषणा कर दी है. इससे कांग्रेस पर दबाव बन गया है. दरअसल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय ने 10 में से पांच सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस नेतृत्व को अपना प्रस्ताव भेज दिया था लेकिन हरियाणा का परिणाम घोषित होते ही सपा ने छह सीट पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए और उनमें वह दो प्रमुख सीट भी शामिल हैं, जिस पर कांग्रेस दावेदारी कर रही थी.


सपा ने करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर नगर), मिल्कीपुर (अयोध्या), कटेहरी (अंबेडकरनगर), फूलपुर (प्रयागराज) और मझवां (मिर्जापुर) सीट पर उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. फूलपुर और मझवां उन पांच सीट में शामिल थीं, जिस पर कांग्रेस चुनाव लड़ने की मांग कर रही है. सपा ने अभी कुंदरकी, मीरापुर, गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं.


मीरापुर, गाजियाबाद और खैर
सपा के जियाउर्रहमान बर्क ने 2022 में कुंदरकी सीट पर जीत हासिल की थी और अब उनके सांसद निर्वाचित होने के बाद इस सीट पर सपा का ही दावा है लेकिन कांग्रेस के लिए मीरापुर, गाजियाबाद और खैर में ही संभावना बची है.


मीरापुर सीट पर 2022 विधानसभा चुनाव में राष्‍ट्रीय लोकदल (रालोद) के चंदन चौहान ने जीत हासिल की थी. इस सीट पर भाजपा दूसरे और बसपा तीसरे नंबर पर थी जबकि पांचवें नंबर पर रही कांग्रेस को मात्र 1258 मतों से ही संतोष करना पड़ा था.


वहीं गाजियाबाद सीट भाजपा के अतुल गर्ग ने 1,50,205 मत पाकर जीती जबकि दूसरे नंबर पर सपा, तीसरे पर बसपा और चौथे पर कांग्रेस थी. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को 11,818 मत मिले जबकि सपा को 44668 मत मिले थे.


अलीगढ़ जिले की खैर विधानसभा सीट भाजपा के अनूप वाल्मीकि ने 1,39,643 मत पाकर जीती और उनके मुकाबले बसपा दूसरे, रालोद तीसरे और कांग्रेस चौथे स्थान पर थी. यहां कांग्रेस उम्मीदवार को मात्र 1,514 मत मिले थे.


राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 2022 विधानसभा चुनाव में गाजियाबाद सीट सपा के लिए अनुकूल नहीं रही और मीरापुर व खैर सीट रिश्ता बचाने के लिए कांग्रेस को दे सकती है.


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10 का दम
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीट-कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद) पर उपचुनाव होना है. इनमें कानपुर की सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता होने से रिक्त हुई है जबकि शेष नौ सीट विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद उनके इस्तीफे से रिक्त हुईं.


वर्ष 2022 में उप्र की के 403 सदस्यीय विधानसभा में सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सीट पर सपा को जीत मिली थी जबकि फूलपुर, गाजियाबाद और खैर में भाजपा तथा मझवां में भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की थी. मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के खाते में गई थी, जो उस समय सपा की सहयोगी थी.


(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)