इस राज्य में वीकेंड पर मंदिर जाने पर लगी रोक, BJP ने जताया विरोध
बीजेपी ने कहा कि सरकार को फैसला बदलने के लिए 10 दिन का समय देते हैं, इसके बाद सड़क पर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के सिवा कोई चारा नहीं बचेगा.
चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने वीकेंड पर मंदिर बंद रखने का फैसला लिया है. इस फैसले ने विवाद खड़ा कर दिया है. बीजेपी सरकार से सप्ताह के सभी दिन मंदिर खोलने की अपील कर रही है. फिलहाल राज्य में कोविड महामारी को फैलने से रोकने का हवाला देते हुए मंदिर दर्शन के लिए सप्ताह के चार ही दिन खुल रहे हैं और तीन दिन बंद रहते हैं.
बीजेपी ने किया राज्य भर में प्रदर्शन
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी ने मांग की कि सप्ताह के सभी दिन मंदिर खोले जाएं. हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी DMK ने आश्वासन दिया कि महामारी का खतरा कम होने पर मुख्यमंत्री एम के स्टालिन सप्ताहभर मंदिरों को खोलने का फैसला लेंगे. राज्य के हिंदू धार्मिक एवं परमार्थ अनुदान मंत्री पी के शेखर बाबू ने कहा, 'केंद्र सरकार की सलाह पर ये निर्णय लिया गया है.
इन दिनों मंदिर रहता है बंद
बता दें, तमिलनाडु सरकार ने कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत ये फैसला लिया है. फिलहाल राज्य में श्रद्धालुओं को सोमवार, मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को ही मंदिर जाने की परमीशन है. शुक्रवार, शनिवार और रविवार को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. हालांकि, इन दिनों में पुजारी नियमित पूजा-अर्चना कर रहे हैं.
सरकार अपनी विचारधार थोप रही?
सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने कहा कि राज्य सरकार वीकेंड पर मंदिरों में पूजा-अर्चना पर प्रतिबंध हटाए और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपनी 'विचारधारा थोपने की कोशिश' की तो उसे लोगों का रोष झेलना पड़ेगा. अन्नामलाई ने कहा कि वीकेंड पर मंदिर में दर्शन करने पर प्रतिबंध लगाकर राज्य सरकार श्रद्धालुओं पर 'अपनी विचारधारा थोपने' का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस (Coronavirus) जनित महामारी का बहाना बनाकर शुक्रवार से रविवार तक मंदिरों को बंद रखने का कोई तुक नहीं है.
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सिनेमा, स्कूल खुले तो मंदिर ही बंद क्यों?
बीजेपी नेता ने कहा कि जब सिनेमाघर खुले हैं और सरकार बच्चों के लिए दोबारा स्कूल खोलने जा रही है जिनके लिए टीका भी नहीं आया है, तो ऐसे में मंदिरों पर प्रतिबंध लगाने का कोई मतलब नहीं है. अन्नामलाई ने राज्य सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह कोविड-19 पर केंद्र के परामर्श को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने कहा, 'नवरात्र का उत्सव आज से शुरू हो गया लेकिन राज्य सरकार ने वायरस जनित महामारी के फैलने का बहाना बनाकर शुक्रवार से रविवार तक मंदिरों को बंद रखने का निर्णय लिया है.
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