Kurhani By-Election Result: नीतीश कुमार को बड़ा झटका, चार महीने पहले जिसका छोड़ा था साथ; अब उसी ने दिया ये चुनावी `दर्द`
Kurhani Election Result: कुढ़नी विधानसभा सीट पर चुनाव कराने की जरूरत इसलिए हुई क्योंकि RJD के वर्तमान विधायक अनिल कुमार सहनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. साल 2020 में हुए चुनाव में सहनी ने बीजेपी के केदार गुप्ता को करीब 700 वोट से हराया था.
Bihar Assembly Election News: बिहार की कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में CM नीतीश कुमार की अगुआई वाले महागठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जीत हासिल की. उन्होंने JDU उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा को 3,645 मतों से शिकस्त दी. कुछ ही महीने पहले बीजेपी से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हुए थे.
नीतीश की पार्टी जेडीयू ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा की हार के लिए लोकल फैक्टर्स को जिम्मेदार ठहराया. पहले कुशवाहा और गुप्ता, दोनों ने अपने-अपने दलों से इस सीट पर जीत हासिल की थी. नीतीश ने महज चार महीने पहले बीजेपी से अलग होकर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनाई थी. उपचुनाव में जीत के साथ राज्य विधानसभा में बीजेपी सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो गई, जो RJD के आंकड़े से महज एक सीट कम है.
जीत पर क्या बोली बीजेपी
बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, 'यह एक बड़ी जीत है.' उन्होंने दावा किया कि JDU ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए एक नहीं, बल्कि दो डमी (वोटकटवा) उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इसका उसे कोई फायदा नहीं मिला. आनंद के मुताबिक, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और एआईएमआईएम ने उपचुनाव में JDU उम्मीदवार की जीत तय करने की नाकाम कोशिश की.
बीजेपी नेता ने दावा किया कि वीआईपी से निषाद समुदाय का वोट काटने की उम्मीद की गई थी, जिससे (समुदाय से) इसके (वीआईपी) संस्थापक मुकेश सहनी आते हैं. मुजफ्फरपुर जिले में इस समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है. इसी जिले में कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र आता है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कुढ़नी में BJP की जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के महागठबंधन ने कुढ़नी में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाये, सारे हथकंडे अपनाए, फिर भी वहां के मतदाताओं ने बीजेपी की जीत पक्की की. गौरतलब है कि आईएमआईएम को 3,202 वोट मिले, जबकि 4,446 वोटर्स ने नोटा के लिए बटन दबाया. नोटा को मिले वोट विजेता उम्मीदवार के जीत के अंतर से अधिक है.
नतीजों पर क्या बोली JDU
इस बीच, JDU नेता विजय कुमार चौधरी ने उपचुनाव के नतीजे को अप्रत्याशित बताया. उन्होंने कहा, 'शुरुआत में ऐसा लगा कि लोकल फैक्टर्स ने उपचुनाव में सरकार की उपलब्धियों पर पानी फेर दिया.' वहीं, JDU के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘क्या हार में, क्या जीत में’ की कुछ पंक्तियों के साथ अपने ट्वीट में कहा, 'कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है. पहली सीख- 'जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगा.' महागठबंधन के एक घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एमएल) के प्रदेश सचिव कुणाल ने एक बयान में चेतावनी देते हुए कहा, 'उपचुनाव के नतीजे BJP विरोधी वोट में विभाजन को दिखाते हैं. इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए.'
क्यों कराना पड़ा चुनाव
इस सीट पर चुनाव कराने की जरूरत इसलिए हुई क्योंकि RJD के वर्तमान विधायक अनिल कुमार सहनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. साल 2020 में हुए चुनाव में सहनी ने बीजेपी के केदार गुप्ता को करीब 700 वोट से हराया था.
(एजेंसी इनपुट- पीटीआई)
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