मेरठ: दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा, 'लाल क़िला हिंसा (Red Fort Violence) केंद्र सरकार (Central Government) की प्लानिंग का हिस्सा थी. उस दिन जानबूझकर किसानों को गलत रास्ता दिखाया गया था. झंडा फहराने वाले भी उनके (भाजपा) कार्यकर्ता थे.'



आंदोलन खत्म कराना चाहती है सरकार


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सीएम ने कहा, 'किसानों को बदनाम करने और आंदोलन को खत्म करने के लिए ये प्लान बनाया गया था. इसी योजना के तहत केंद्र सरकार ने दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने के लिए पत्र भी भेजा था, जिसकी फाइल मेरे पास आई, लेकिन मैंने क्लियर नहीं की. अगर हम वहां जेल बनाने की मंजूरी दे देते तो ये किसानों को वहां कैद कर लेते और सारा आंदोलन खत्म हो जाता.'


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किसानों के लिए डेथ वारंट हैं नए कानून


इस दौरान सीएम केजरीवाल ने कृषि कानूनों पर बोलते हुए केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 3 कृषि कानून किसानों के लिए डेथ वारंट हैं. सरकार किसानों की जमीनें छीनना चाहती है और 3-4 पूंजीपतियों को सौंपना चाहती है. इससे किसान अपने ही खेतों में मजदूर बन जाएंगे. इसलिए ये किसानों के लिए करो या मरो की स्थिति है.'


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अत्याचार में अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ा


उन्होंने आगे कहा, 'आज किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही हैं. यहां तक की अंग्रेजों ने हमारे किसानों पर इस हद तक अत्याचार नहीं किया, उन्होंने जमीन पर कीलें नहीं ठोंकीं. लेकिन इस सरकार ने अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया. बताते चलें कि आम आदमी पार्टी (AAP) ने किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए आज उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में किसान महापंचायत का आयोजन किया था. इसमें दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के अलावा सांसद संजय सिंह और सांसद भगवंत मान शामिल हुए.'


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