चेन्नई:राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) चेन्नई में रविवार से चार दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करेगा जिसमें भाजपा और विश्व हिंदू परिषद् सहित इससे जुड़े 30 से अधिक संगठन हिस्सा लेंगे. 


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बैठक में मुख्यत: संगठन के पहलुओं पर गौर किया जाएगा और स्वॉट (मजबूती, कमजोरी, अवसर, खतरे) विश्लेषण किया जाएगा ताकि विशिष्ट संगठनों को अपने 'राष्ट्रवादी लक्ष्यों' में सहयोग मिले.


क्या हो सकता है बैठक में?
आरएसएस के सूत्रों ने संकेत दिए कि सत्र को भले ही आरएसएस की तरफ से नियमित बताया जाएगा लेकिन उम्मीद है कि विहिप को शांत करने के लिए 'विस्तृत दिशानिर्देश' दिए जाएंगे ताकि अयोध्या मुद्दे पर वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाल के रुख को अपना सके. विहिप ने कहा था, 'राम मंदिर के लिए हिंदू अनंत काल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते.'  


बैठक में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा की चुनावी हार की समीक्षा के अलावा संघ परिवार के 30 से अधिक संगठनों के कार्यों की भी समीक्षा होगी.


हाल ही में पीएम ने दिया था राम मंदिर पर अहम बयान


बता दें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर पर अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही हो सकता है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने के वास्ते हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार है. पीएम ने कहा था,‘न्यायिक प्रक्रिया को अपना काम करने दें. इसे राजनीतिक दृष्टि से ना तोलें. न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने दें. न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार के तौर पर हमारी जो भी जिम्मेदारी होगी उसके लिए हम हरसंभव कोशिश करने के लिए तैयार हैं.’


(इनपुट - भाषा)