Navneet Rana को हाई कोर्ट से झटका, अदालत ने खारिज किया Caste Certificate
नवनीत राणा पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था. अब नवनीत की संसद सदस्ययता पर तलवार लटक गई है.
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा का जाति प्रमाण पत्र बॉम्बे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है. नवनीत राणा पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था. अब नवनीत की संसद सदस्ययता पर तलवार लटक गई है.
अदालत के फैसले पर सांसद नवनीत राणा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हैं और आगे सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील दायर करेंगी. उन्होंने कहा कि मुझे सर्वोच्च अदालत से न्याय की पूरी उम्मीद है.
फर्जी निकला जाति प्रमाण पत्र
हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की दलील थी कि नवनीत राणा अनुसूचित जाति (SC) की नहीं हैं. राणा जिस जाति से ताल्लुक रखती हैं उसे महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति का दर्जा हासिल नहीं है. कोर्ट के फैसले के बाद नवनीत राणा की सदस्यता पर भी खतरा है क्योंकि उन्होंने अमरावती की आरक्षित सीट से चुनाव जीता था.
कोर्ट ने लगाया 2 लाख का जुर्माना
शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने नवनीत कौर राणा के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. आनंदराव अडसुल ने अदालत में दावा किया था कि राणा का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है. कोर्ट ने अपने फैसल में न सिर्फ प्रमाण पत्र को फर्जी बताया बल्कि सांसद पर दो लाख का जुर्माना भी लगाया है.
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बता दें अभिनेत्री नवनीत कौर राणा अमरावती से निर्दलीय सांसद हैं और वह मूल रूप से पंजाब से आती हैं. साल 2014 में उन्होंने एनसीपी की टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन जीत हासिल नहीं हुई. इसके बाद 2019 में उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अमरावती से जीत मिली थी.