नोटबंदी को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ा संसद का एक और दिन
नोटबंदी के मुद्दे पर सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध कायम रहने के कारण संसद के दोनों सदनों में आज भी कार्यवाही बार बार बाधित हुयी और शीतकालीन सत्र का एक और दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।
नई दिल्ली : नोटबंदी के मुद्दे पर सत्तापक्ष एवं विपक्ष के बीच गतिरोध कायम रहने के कारण संसद के दोनों सदनों में आज भी कार्यवाही बार बार बाधित हुयी और शीतकालीन सत्र का एक और दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।
लोकसभा में मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी दलों के भारी शोर शराबे के कारण कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब 12.30 बजे ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नोटबंदी मुद्दे पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने के विपक्षी सदस्यों के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। वहीं सरकार ने कहा कि वह नियम 193 के तहत चर्चा के लिए तैयार है।
शुक्रवार सुबह सदन की बैठक शुरू होने पर सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने कल भी यह मुद्दा उठाया था और आज भी नोटबंदी के मुद्दे पर नियम 56 के तहत चर्चा कराने के लिए कार्यस्थगन का नोटिस दिया है। उन्होंने कहा कि सभी दल चाहते हैं कि कार्य स्थगित कर इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करायी जाए क्योंकि नोटबंदी के निर्णय से आम लोगों, गरीबों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार चर्चा के खिलाफ नहीं है, इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। हम चर्चा चाहते हैं और पहले ही ऐसा कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश की जनता इस विषय पर प्रधानमंत्री के साथ है। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदलों के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर कुछ भाजपा सदस्यों को 'माफी मांगो, माफी मांगो' का नारा लगाते सुना गया।
खड़गे और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने अपनी मांग दोहराई कि वह चर्चा नियम 56 के अंतर्गत मतविभाजन वाले प्रावधान के तहत ही होनी चाहिए। अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह पहले ही इस संबंध में स्पष्ट व्यवस्था दे चुकी हैं।
हालांकि विपक्षी सदस्य अपनी मांग पर कायम रहे और हंगामा थमता नहीं देख दोपहर करीब 12:25 बजे सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
उधर राज्यसभा में, नोटबंदी से देश में उत्पन्न हालात पर आज भी गतिरोध कायम रहा और चार बार के स्थगन के बाद बैठक दोपहर करीब 2.40 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। कांग्रेस के सदस्य मांग कर रहे थे कि लोगों को हो रही परेशानी के लिए सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माफी मांगें। वहीं भाजपा के सदस्य कल चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस से माफी मांगने की मांग कर रहे थे।
दोनों पक्षों के अपनी अपनी मांगों पर अड़े रहने से सदन में आज भी प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो सके। शुक्रवार होने के नाते आज भोजनावकाश के बाद गैरसरकारी कामकाज होना था लेकिन वह भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। सुबह बैठक शुरू होने पर अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी के पानी का मुद्दा उठाते हुए आसन के समक्ष आ कर नारे लगाने लगे। इसी बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने आरोप लगाया कि देश में उत्पन्न अराजक एवं अफरातफरी की स्थिति के लिए सरकार जिम्मेदार है।
उधर, सत्ता पक्ष के सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग करने लगे। हंगामे के बीच ही संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विपक्ष के नेता की कल की टिप्पणी से पूरे देश में यह संदेश गया है कि कांग्रेस आतंकवादियों का महिमामंडन कर रही है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी तो कालाधन रखने वालों, भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों और आतंकवाद के खिलाफ की गई है।
उपसभापति पीजे कुरियन ने सदन में शोर शराबा थमता नहीं देख करीब सवा 11 बजे कार्यवाही साढ़े ज्ञारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। जब बैठक फिर शुरू हुई तब भी सदन में वही नजारा था। कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने और अपने स्थानों पर जाने की अपील की। नकवी ने कहा अगर विपक्ष के नेता कुछ कहना चाहते हैं तो वह अपनी बात रखें अन्यथा आसन को अव्यवस्था उत्पन्न कर रहे विपक्षी सदस्यों के संबंध में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना चाहिए।
हंगामा थमता न देख कुरियन ने कुछ ही मिनट के अंदर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा और सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से शांत होने और अपने स्थानों पर जाने की अपील की। उन्होंने हंगामा कर रहे मंत्रियों से कहा कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। हंगामा कर रहे सदस्यों पर अपनी अपील का असर नहीं होता देख सभापति ने 12 बजकर तीन मिनकर पर बैठक आधे घंटे तक के लिए स्थगित कर दी। आधे घंटे बाद बैठक शुरू होने पर भी सदन में भाजपा एवं कांग्रेस के सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति ने बैठक दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
भोजनावकाश के बाद ढाई बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में वही नजारा दिखा। हंगामे में ही विश्वंभर प्रसाद निषाद, तिरूचि शिवा, सुब्रमण्यम स्वामी और राजीव चंद्रशेखर ने अपने अपने निजी विधेयक पेश किए। इसके बाद उपसभापति कुरियन ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन से जुड़े कांग्रेस सदस्य के वी पी रामचंद्र राव के निजी विधेयक पर के बारे में व्यवस्था दी कि यह धन विधेयक नहीं है बल्कि वित्त विधेयक है जिसे सिर्फ लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर सदन में हुयी अधूरी चर्चा को समाप्त किया जाता है।
शोरगुल के दौरान ही जदयू के शरद यादव ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार यहां हैं और सत्ता पक्ष के सदस्य ही सदन में हंगामा कर रहे हैं। आपकी सरकार है और सदन चलाना आपका काम है। हंगामे के कारण यादव अपनी बात पूरी कर सके। उधर कांग्रेस के आनंद शर्मा सहित कुछ सदस्य भी बोलते दिखे, लेकिन उनकी बात पूरी तरह से सुनी नहीं जा सकी। सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख कुरियन ने दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।