`सर्वेंट` शब्द पर यूपी में सियासी किचकिच, क्या अखिलेश यादव ने कर लिया सेल्फ गोल
यूपी की सियासत में इस समय पूर्व सीएम अखिलेश यादव और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं, जेपी सेंटर का हवाला देते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा था कि अखिलेश यादव कूदने में इतने अच्छें हैं तो एशियन गेम्स में हिस्सा लेना चाहिए, इस बयान के बाद अखिलेश यादव ने ब्रजेश पाठक को सर्वेंट डिप्टी सीएम बता दिया था.
सियासत में शब्दों का अपना महत्व होता है, कोई इन शब्दों के इस्तेमाल के जरिए अर्श से फर्श तो कोई फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है. भारतीय राजनीति में ऐसे कई उदाहरण हैं इन सबके बीच बात यहां पर यूपी की सियासत पर करेंगे जिसमें चर्चा के केंद्र में दो शख्सियतें अखिलेश यादव और दूसरे ब्रजेश पाठक हैं. एक यूपी के सीएम रहे हैं तो दूसरे डिप्टी सीएम हैं. अब सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि वार-पलटवार का दौर थम नहीं रहा. दरअसल अखिलेश यादव ने एक प्रसंग पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को सर्वेंट डिप्टी सीएम बताया तो पाठक ने देर ना करते हुए एक्स पर अपने प्रोफाइल में सर्वेंट डिप्टी सीएम लिख दिया है.
क्या था मामला
दरअसल मामला जय प्रकाश नारायण की एनिवर्सरी से जुड़ा हुआ है. सूबे के सीएम रहे अखिलेश यादव जेपीएनआईसी पहुंचे और दीवार फांदकर माल्यार्पण किया. उनके इस कदम की आलोचना करते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा था कि कूदने फांदने में इतने अच्छे हैं तो एशियन गेम्स में शामिल होकर मेडल लाना चाहिए. अब इस बयान के बाद अखिलेश यादव भी चुप नहीं रहे और कहा कि वो किसी सर्वेंट डिप्टी सीएम के बयान पर प्रतिक्रिया नहीं देते. वो तो सीधा सवाल यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से कर रहे हैं. उन्हें सीएम से जवाब चाहिए.
अखिलेश यादव ने और क्या कहा था
अखिलेश यादव ने कहा कि यह समझ के बाहर है कि मौजूदा सरकार को समाजवादियों और समाजवादी सरकार के दौरान हुए कामों से इतनी चिढ़ क्यों है. आखिर सरकार इन धरोहरों को बर्बाद करने में क्यों जुटी है. दुख की बात यह है कि सरकार जेपी की प्रतिमा को पॉलिथीन से ढक दिए. इसका मतलब साफ है कि सरकार कुछ छिपाने में जुटी हुई है. उन्होंने कहा कि समाजवादी नायकों के साथ जिस तरह से बर्ताव किया जा रहा है उस पर लगाम लगनी चाहिए. यह सरकार सिर्फ आरोप लगाकर भागने का काम कर रही है.