नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में आमने- सामने डटी भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव कम करने के लिए आज चुशूल में फिर से ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक हो रही है. इससे पहले हुई सैन्य बैठकों में अब तक दोनों देशों के बीच तनाव घटाने का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है. 


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ऊंची पहाड़ियों से हटने की चीन की मांग भारत ने खारिज की
सूत्रों के मुताबिक बुधवार को हुई ब्रिगेड कमांडरों की बैठक में तनाव कम करने का कोई रास्ता नहीं निकला था. चीन ने बैठक में भारत से पैगोंग झील के दक्षिण की पहाड़ियों से हट जाने की मांग की. जिसे भारत ने खारिज कर दिया था. 


भारत ने अप्रैल से पहले वाली यथास्थिति बहाल करने की मांग की
भारत ने कहा कि पहले चीन 5 अप्रैल से पहले वाली यथास्थिति बहाल करे और अपने सैनिकों को पुरानी लोकेशन पर वापस ले जाए. उसके बाद वह भी अपनी सेना पीछे करने पर विचार करेगा. इस पर चीन ने हामी नहीं भरी. 


युद्ध की तैयारियों में जुटा हुआ है चीन
उधर सूत्रों के हवाले से खबर है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख से करीब 310 किलोमीटर दूर अपने सामरिक महत्व के होटन एयरबेस पर लंबी दूरी के जे-20 लड़ाकू विमानों की तैनाती के साथ ही अन्य सैन्य साजो-सामान जुटा लिए हैं. इससे उसके शांति की कोशिशों के दावों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 


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चीन से निपटने के लिए भारत भी साजोसामान के साथ तैयार
चीन की चुनौती को देखते हुए भारत ने भी पिछले ढाई महीनों से लद्दाख और एलएसी से लगते अन्य एयर बेसों पर सुखोई 30 एमकेआइ, जगुआर तथा मिराज 2000 जैसे ल़़डाकू विमानों की तैनाती कर रखी है. साथ ही बोफोर्स, होवित्जर तोप और भीष्म टैंकों की तैनाती के साथ 60 हजार सैनिकों की लद्दाख में तैनाती कर रखी है. 


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