नई दिल्‍ली:  कैडर रिव्‍यू को लेकर बीते सात वर्षों से संघर्ष कर रहे भारतीय रेलवे के अधिकारियों की मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने स्‍वीकार कर लिया है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में भारतीय रेलवे के अधिकारियों की इस मांग पर स्‍वीकृति की मोहर लगा दी गई है. कैबिनेट की इस स्‍वीकृति से भारतीय रेलवे के करीब 900 अधिकारी सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे. उल्‍लेखनीय है कि भारतीय रेलवे के अधिकारियों का कैडर रिव्‍यू 2012 से लंबित था.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, कैडर रिव्‍यू के बाबत कैबिनेट के इस फैसले का भारतीय रेलवे की 8 विभिन्‍न सर्विसेज में काम करने वाले ए क्‍लास के अधिकारियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा. इन सर्विसेज में इंडियन रेलवे एकाउंट सर्विसेस (आईआरएएस), इंडियन रेलवे पर्सनल सर्विसेज (आईआरपीएस), इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विसेज (आईआरटीएस), इंडियन रेलवे मैकेनिकल सर्विसेज (आईआरएसएमई), इंडियन रेलवे स्‍टोर्स सर्विसेज (आईआरएसएस) और इंडियन रेलवे सर्विसेज ऑफ सिग्नल इंजीनियर्स शामिल हैं. 


इन पदों को किया गया अपग्रेड
रेलवे के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला लिया गया है कि भविष्‍य में मेंबर स्‍टाफ के पद पर IRPS अधिकारी की ही तैनाती होगी. इसके अलावा, बैठक में डायरेक्‍टर जनरल (सिंग्‍नल एण्‍ड टेलीकॉम) को मेंबर (सिंग्‍नल एण्‍ड टेलीकॉम), डायरेक्‍टर जनरल (स्‍टोर) को मेंबर (मैटेरियल मैनेजमेंट) और डायरेक्‍टर जनरल (पर्सनल) को डायरेक्‍टर जनरल (सेफ्टी) के पद पर अपग्रेड कर दिया गया है.