केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हनुमान जयंती की तैयारी को लेकर सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है. मंत्रालय ने सरकारों से कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांति बनाए रखने के लिए व्यवस्था करने के लिए कहा है. एडवाइजरी में राज्य की सरकारों से समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले कारकों पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा है. इस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती के जुलूस को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'केंद्रीय बलों को तैनात करें'


कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हीरनाम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सरकार को राज्य में हनुमान जयंती के जुलूस के लिए केंद्रीय बलों की सहायता लेने का आदेश दिया है. कोर्ट का कहना है कि अगर राज्य की पुलिस हालात से निपटने और शांति बनाए रखने में सक्षम नहीं है तो इसके लिए राज्य को तुरंत केंद्रीय बलों को  तैनात किया जाए.


'जहां धारा 144 वहां से न गुजरे जुलूस'


कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि वो इस बात को सुनिश्चित करें कि राज्य में जहां धारा 144 लगी है वहां से रामनवमी का जुलूस न निकले. बता दें कि रामनवमी पर पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर ममता बनर्जी की सरकार सवालों के घेरे में है. इसी बीच उन्हें कोर्ट से सख्त निर्देश मिल गए हैं. 


स्थिति बिगड़ी तो आयोजक होंगे जिम्मेदार


कोर्ट ने कहा कि अगर किसी प्रकार की कानून व्यवस्था के बिगड़ने या किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचने की स्थिति में हनुमान जयंती के जुलूस की अनुमति के लिए आवेदन करने वाले, जुलूस के आयोजक और पदाधिकारी जिम्मेदार होंगे. कोर्ट ने कहा कि पूरे रूट पर बैरिकेडिंग संभव नहीं है, इसलिए संवेदनशील इलाकों में बैरिकेडिंग की जाएगी.


सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पहले से लागू धारा 144 वाले क्षेत्रों में हनुमान जयंती के जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी. समय सीमा का कड़ाई से पालन करना होगा. आयोजकों के स्वयंसेवकों के नाम अधिकारियों के साथ साझा किए जाएंगे. जितने रूट मार्च संभव होंगे, किए जाएंगे.


कोर्ट को बताया गया कि अब तक राज्य में 2000 जुलूस के आवेदन प्राप्त हुए हैं. यह भी बताया गया कि अज्ञात संगठन भी जुलूस की अनुमति के लिए आवेदन कर रहे हैं. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि राज्य यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि किन संगठनों को अनुमति देनी है.