क्रिप्टोकरेंसी को भारत में मिलेगी मंजूरी? जानिए इस बड़ी बैठक में क्या हुआ फैसला
Government Of India stand on Cryptocurrency: इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हुए. इस दौरान कुछ संसद सदस्यों ने निवेशकों के हितों की रक्षा को लेकर चिंता जताई. वहीं अखबारों में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने को लेकर विज्ञापन (Crypto Advertisement) पर सवाल उठाया.
नई दिल्ली: दुनिया में अरबों-खरबों के क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में भी हलचल तेज हो गई है. इस बीच खबर है कि क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) को लेकर वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) की स्टैंडिंग कमेटी की अहम बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शामिल अधिकतर सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के पक्ष में नहीं हैं. वहीं अधिकतर सदस्य इसे रेगुलेट करने के पक्ष में हैं. वहीं खबर ये भी है कि बैठक में मौजूद कुछ सांसदों ने क्रिप्टो करेंसी के लंबे चौड़े विज्ञापनों पर चिंता जताई है.
संसदीय समिति की पहली बैठक
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कल संसदीय समिति की पहली बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से रोक नहीं लगाया जा सकता है इसीलिए इसे सही तरीके से रेगुलेट करने की जरूरत है.
इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े तमाम प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस दौरान संसद सदस्यों ने निवेशकों के हितों की रक्षा को लेकर भी चिंता जताई साथ ही समाचार पत्रों में क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने को लेकर विज्ञापन पर सवाल उठाया.
विज्ञापनों से माहौल बनाने की कोशिश?
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी में इनवेस्टमेंट (Cryptocurrency Investment) के लिए तरह-तरह के लुभावने विज्ञापन दिखाये जा रहे हैं. शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबी बैठक की थी. चलिए अब आपको बताते हैं कि क्रिप्टो को लेकर देश में इतना चिंतन, चिंता और बैठक क्यों हो रही है.
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क्रिप्टो करेंसी में निवेश के लुभावने विज्ञापन लगातार प्रकाशित हो रहे हैं.
क्रिप्टो में निवेश से आकर्षक मुनाफे का लालच लोगों को दिया जा रहा है.
इन विज्ञापनों में 10 करोड़ भारतीयों के निवेश का दावा किया जा रहा है.
भारत से 6 लाख करोड़ रु के पूंजी निवेश का भी दावा किया जा रहा है.
'चिंता इसलिए भी'
जबकि क्रिप्टो करेंसी में निवेश रेग्युलेटेड नहीं है और भारत सरकार का निवेश पर नियंत्रण नहीं इसके साथ ही साथ ही ड्रग्स बिज़नेस, टेरर फंडिंग में इस्तेमाल का ख़तरा भी है. साथ ही देश की पूंजी की मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है.
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फाइनेंशियल एक्सपर्ट की राय
भारत सरकार लगातार क्रिप्टों पर बैठक कर रही है और संभव है कि शीतकालीन सत्र तक कुछ फैसला हो जाएं. एक अनुमान के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करीब 12 खरब अमेरिकी डॉलर का है. इसमें भी सिर्फ दो क्रिप्टो करेंसी एथेरियम 550 अरब डॉलर और डॉजक्वाइन 34 अरब डॉलर का बिजनेस कर रही है.
दुनिया के कई देशों में इसमें ट्रेडिंग हो रही है. भारत में अभी ट्रेंडिंग को मंजूरी मिली हुई है तो ऐसे में ज़रूरी है कि अब क्रिप्टो करेंसी को भारत में भी रेग्युलेट किया जाए. वहीं हर्ष रुंगटा समेत कई फाइनेंशियल प्लानर यानी इस इकॉनमी के जानकारों का मानना है कि जब तक क्रिप्टो रेगुलेट नहीं होती है इसमें पैसा नहीं लगाना चाहिए.
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