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नई दिल्ली: आजकल पढ़े लिखे लोग भी खेती (Farming) किसानी में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वजह ये है कि उसमें इन्हें कमाई का जबरदस्त स्कोप नजर आ रहा है. हालांकि ऐसे लोगों का फोकस ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) पर है. इनमें कुछ पैदावार ऐसी भी हैं जिन्हें उगाकर आप चंद सालों में करोड़पति भी बन सकते हैं. इसका एक बढ़िया सीजन आपकी जिंदगी बदल सकता है.
हैरान मत होइए सही पढ़ा आपने आम का बगीचा लगाकर आप भी करोड़पति बन सकते हैं. हालांकि हिंदुस्तान में गिने चुने दो या चार लोग ही हैं जिन्होंने इस खास किस्म के आम की पैदावार में हाथ आजमाया है. यह आम की पौध भारतीय नहीं बल्कि जापान की है जिसे 'मियाजाकी' कहा जाता है. इस आम को दुनिया भर के देशों में निर्यात करने से पहले, इसके एक-एक फल की गुणवत्ता का मूल्यांकन होता है. इस प्रकिया में कुछ चुनिंदा आमों की सुप्रीम क्वालिटी को परखते हुए उन्हें Eggs of Sun का ब्रांडेड टैग दिया जाता है.
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इसकी खेती करना या इसे खरीद कर खाना हर किसी के बस में नहीं हैं. हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में मियाजाकी आम की कीमत 2.70 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंची थी. जापान (Japan) में पैदा होने वाली इस खास वैरायटी को मध्य प्रदेश के एक किसान ने अपने बगीचे में तैयार किया है. जबलपुर में इसकी शानदार पैदावार हो चुकी है. ये अलग बात है कि आम के पेड़ पर बौर लगने के साथ ही उसकी सिक्योरिटी पर भी लाखों रुपए खर्च करना पड़ा.
आप भी अपने खेत में कुछ खास इंतजाम करके इस वैरायटी को अपने बगीचे में तैयार कर सकते हैं. इस किस्म के आमों को उगाने के लिए आपको बहुत अधिक बारिश की आवश्यकता होती है. इस खास किस्म की पैदावार के लिए गर्मियों के सीजन में लंबे समय तक धूप की जरूरत भी पड़ती है.
मियाज़ाकी आम की गिनती दुनिया के सबसे महंगे फलों में होती है. फिलहाल इसका पैदावार बांग्लादेश, इंडोनेशिया, फिलीपींस समेत गिने चुने देशों में होती है. इसके पौधों को एक पूर्ण आकार के पेड़ में विकसित होने से पहले इसकी खास देखभाल करनी होती है.
यहां से हुई शुरुआत
पहली बार 1984 में जापानी शहर मियाज़ाकी के आसपास इसकी पैदावार शुरू की गई थी. वहां के गर्म मौसम, लंबे समय तक धूप और पर्याप्त बारिश ने उस इलाके को इस महंगे फल की खेती के लिए आदर्श बना दिया. इसका सीजन अप्रैल से अगस्त के आसपास तक माना जाता है.
इसका पौधा कहां से मिलेगा और एक एकड़ में कितनी उपज होगी ऐसे सवालों की जानकारी के लिए आप एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स के साथ कृषि विभाग द्वारा सुझाए गए सरकारी पोर्टल पर विजिट कर सकते हैं.
दरअसल भारत में इस पौध को जिसने पूरी मेहनत और धीरज रखते हुए तैयार किया उनकी बात करें तो मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसे उगाने वाला कपल एक ट्रेन से एक बार चेन्नई जा रहा था, उसी समय ट्रेन में एक व्यक्ति ने उन्हें आम के दो पेड़ दिए थे. तब उन्होंने सोचा भी नहीं था कि ये दुनिया का बेहद ही मशहूर आम है.
इसकी पैदावार करने वाले शख्स के मुताबिक, 'जब उन्होनें मुझे ये पेड़ दिया था तो कहा था कि इसका अपने बच्चों की तरह ध्यान रखना. पौधा तो मैंने लगा दिया था लेकिन इसके रंग और इसके बढ़ने की रफ्तार से मैं हैरान था. यह मणिक रंग का था और इस आम का असली नाम पता नहीं था इसलिए हमने इसका नाम दामिनी रख दिया. जब बाद में इस आम के बारे में पता लगाया तो असली नाम तो पता चल गया लेकिन आज भी यह मेरे लिए दामिनी ही है.'
Madhya Pradesh-based orchardist Sankalp Parihar hires security guards & dogs to prevent theft of expensive mango trees
Some people told me that the variety of mango sold at Rs 2.70 lakh per kg in market last year. A customer from Mumbai has offered me Rs 21,000, Parihar said pic.twitter.com/aX1NxvQ4qQ
— ANI (@ANI) June 17, 2021
इसी तरह देश में सेब की खेती जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे ठंडे प्रदेशों में होती है. लेकिन अब इसकी खेती गर्म मैदानी इलाकों में भी होने लगी है. हिमाचल प्रदेश के एक किसान ने सेब की एक ऐसी किस्म विकसित की है, जिसमें फूल आने और फल लगने के लिए लंबी अवधि तक ठंड की जरूरत नहीं पड़ती है. इसी तरह तपते रेतीले धोंरों की धरती के रूप में मशहूर राजस्थान में एक युवक ने केसर उगाकर चमत्कार कर दिखाया था.
इरादे नेक व हौसले बुलंद हो, तो असम्भव भी सम्भव हो जाता है. कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया था पाकिस्तान की सीमा से सटे बाड़मेर जिले किसान बाबूलाल ने. जिन्होंने कम पढ़े लिखे होने के बावजूद केसर बुवाई की. रेगिस्तानी इलाके में जटिल खेती को बाबूलाल ने इंटरनेट का सहारा लेकर संभव कर दिखाया है.
उन्होंने केसर की खेती से जुड़ी मौसम से लेकर मिट्टी तक की पूरी जानकारी जुटाई. इसी साल मार्च में उनके खेत के 400 पौधों पर केसर महक रही थी.