Khalistan: खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोपों पर भारत ने गुरुवार को जवाब दिया है. भारत ने कहा कि अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने यूएस में एक सिख अलगाववादी की हत्या की साजिश रचने का एक भारतीय नागरिक पर जो आरोप लगाया है वह 'चिंता का विषय' है.


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भारत ने कहा कि एक हाई लेवल कमेटी इस मामले के सभी पहलुओं की जांच करेगी. सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश से जुड़े आरोपों की जांच के लिए भारत ने एक जांच दल बनाया है. ऐसा माना जाता है कि पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की नागरिकता है. बुधवार को अमेरिका में संघीय अभियोजकों ने आरोप लगाया कि निखिल गुप्ता ने एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रची थी. 


भारत ने क्या जवाब दिया?


अमेरिकी अभियोजकों ने बुधवार को मैनहट्टन की एक अदालत को बताया था कि चेक गणराज्य के अधिकारियों ने गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया और वह फिलहाल अमेरिका प्रत्यर्पित किये जाने का इंतजार कर रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'अमेरिका की एक अदालत में एक व्यक्ति के खिलाफ दायर मामला चिंता का विषय है जिसमें कथित रूप से उसे एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है.'


उन्होंने कहा, 'हमने कहा है और मैं दोहराता हूं कि यह सरकार की नीति के विरोधाभासी भी है.' बागची ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, तस्करों, अवैध हथियार रखने वालों और उग्रवादियों के बीच साठगांठ कानून प्रवर्तन एजेंसियों और संस्थानों के लिए गंभीर मुद्दा है और इसलिए एक हाईलेवल समिति गठित की गई है और हम जाहिर तौर पर इसके नतीजों के आधार पर कार्रवाई करेंगे.' 


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने संगठित अपराधियों, अवैध हथियार रखने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ के संबंध में कुछ जानकारी साझा की है. उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की जानकारी को गंभीरता से लेता है क्योंकि यह हमारे राष्ट्रीय हितों पर भी अतिक्रमण है और संबंधित विभाग इस मुद्दे को देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर अमेरिका के साथ बातचीत के दौरान अमेरिकी पक्ष ने इस संबंध में कुछ जानकारी साझा की थी.' 


वॉन्टेड आतंकी है पन्नू


बागची ने कहा, 'हम इस तरह के सुरक्षा मामलों पर और कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते.' ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ संगठन का नेता पन्नू आतंकवाद के अनेक आरोपों में भारतीय जांच एजेंसियों के लिए वॉन्टेड है. 'द फाइनेंशियल टाइम्स' अखबार ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से पिछले हफ्ते पहली बार खबर पब्लिश की थी कि अमेरिकी अधिकारियों ने पन्नू की हत्या की साजिश को नाकाम कर दिया था और इस साजिश में भारत सरकार के शामिल होने की आशंकाओं को लेकर उसे चेतावनी दी थी. 


'द वाशिंगटन पोस्ट' अखबार ने बुधवार को लिखा था कि बाइडन प्रशासन साजिश का पता चलने के बाद इतना चिंतित था कि उसने सीआईए के निदेशक विलियम जे बर्न्स और राष्ट्रीय खुफिया निदेशक एवरिल हेन्स को अगस्त और अक्टूबर में जांच की मांग के लिए भारत भेजा था. कुछ हफ्ते पहले ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि जून महीने में वेंकूवर उपनगर में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स शामिल थे. भारत ने ट्रूडो के आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया था. 


'कनाडा ने दी भारत विरोधी तत्वों को जगह'


कनाडा के आरोपों पर बागची ने कहा कि ओटावा के साथ मुख्य मुद्दा उस देश में भारत विरोधी तत्वों की गतिविधियों का है. उन्होंने कहा, 'जहां तक कनाडा की बात है, हमने कहा है कि उन्होंने सतत रूप से भारत विरोधी तत्वों को और हिंसा को जगह दी है और मुख्य मुद्दा दरअसल यही है. कनाडा में हमारे राजनयिक प्रतिनिधियों ने इसके दंश को झेला है.' बागची ने कहा, 'हम कनाडा की सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह राजनयिक संबंधों पर विएना समझौते के तहत वचनबद्धताओं का पालन करे. हमने अपने आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप को भी देखा है.' उन्होंने कहा कि जाहिर तौर पर यह अस्वीकार्य है.


(पीटीआई इनपुट के साथ)