Lalu Prasad Yadav: जाति जनगणना को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. पटना में एक बुक लॉन्च प्रोग्राम में उन्होंने कहा, हम हाल ही में जाति जनगणना कराई है. केंद्र सरकार जाति जनगणना को नफरत भरी निगाहों से देख रही है.  किसी शख्स की आर्थिक स्थिति और जाति जाने बिना नीतियां कैसे बनाई जा सकती है. बिहार की नीतीश सरकार अपने बूते ही राज्य में जाति जनगणना करा रही है. पटना हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी इसको रोकने के लिए याचिकाएं दायर की गईं लेकिन अदालत ने आदेश राज्य सरकार के ही पक्ष में सुनाया. फिलहाल जातिगत जनगणना चल रही है. 



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बीजेपी पर नीतीश सरकार हमलावर


बीजेपी पर नीतीश कुमार सरकार इसको लेकर हमलावर रही है. अब लालू प्रसाद यादव ने भी केंद्र सरकार को इस मामले पर घेर लिया है. बयान में लालू ने कहा, 'हम लोगों ने जातीय जनगणना करवाई है. लेकिन केंद्र सरकार इसको नफरत भरी निगाहों से देख रही है. कोर्ट में इसकी आलोचना कर रही है. किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति और जाति जाने बिना आर्थिक नीतियां कैसे बनाई जा सकती हैं. ' आगे उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट का कुछ हिस्सा इसके लिए दिया है और ऐसा लगता है कि जैसे खैरात दे रहे हैं.  दरअसल, 26 अगस्त को पटना में मनोज मित्ता की किताब कास्ट प्राइड के लॉन्च पर लालू प्रसाद यादव पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने जातिगत जनगणना के मामले पर केंद्र सरकार को खरी-खरी सुनाई. 


''रोड़े अटकाने का काम किया"


गौरतलब है कि शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने भी जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला था. नीतीश ने कहा था कि पूरे देश के लिए जाति जनगणना एक रोल मॉडल बनेगा. कई राज्यों में भी इसे लेकर मांग उठाई जा रही है. इन आंकड़ों को भी सार्वजनिक किया जाएगा. मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए नीतीश ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले में रुकावटें पैदा करने का काम कुछ लोगों ने किया है.