Jagdish Tytler: क्या जगदीश टाइटलर का होने जा रहा है सज्जन कुमार जैसा हश्र? CBI कोर्ट के इस फैसले से मची हलचल
Jagdish Tytler latest news: क्या दिल्ली में कांग्रेस के हैवीवेट नेता रहे जगदीश टाइटलर का हस्र सज्जन कुमार की तरह होने वाला है. 1984 के दंगों की सुनवाई कर रही सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने आज इस मामले पर सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश दिया.
Jagdish Tytler in Anti-Sikh riots 1984: पूर्व पीएम इंदिरा गाधी की हत्या के बाद दिल्ली में करीब 40 साल पहले भड़के सिख विरोधी दंगों में अब कांग्रेस के दूसरे बड़े नेता जगदीश टाइटलर के जेल जाने की तलवार लटक रही है. दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश इलाके में तीन सिखों की कथित हत्या से जुड़े एक मामले में टाइटलर के खिलाफ हत्या और अन्य गंभीर अपराधों में अभियोग तय करने का आदेश दिया.
कोर्ट के फैसले पर सिख समुदाय ने खुशी जताई है. समुदाय ने कहा कि 40 साल पहले उन पर जो जुल्म हुआ था, उसका इंसाफ मिलने का वक्त आ गया है. टाइटलर से पहले सज्जन कुमार कांग्रेस के ऐसे पहले बड़े नेता रहे हैं, जो सिख विरोधी दंगों में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल की सजा काट रहे हैं. मोदी सरकार आने के बाद इन दंगों की फाइल दोबारा से खुली और सभी मामलों की फिर से जांच शुरू हुई.
टाइटर के खिलाफ पर्याप्त सबूत- सीबीआई कोर्ट
सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज राकेश सियाल ने शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अभियोजन के पास आरोपी (जगदीश टाइटलर) के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. लिहाजा उनके खिलाफ सुनवाई शुरू करने का आदेश दिया जाता है. अदालत ने टाइटलर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत अभियोग तय करने का आदेश दिया. जिसमें गैरकानूनी ढंग से एकत्र होना, दंगा करना, विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना, घर में जबरन घुसना, और चोरी शामिल हैं.
13 सितंबर से शुरू होगी मामले की सुनवाई
अदालत ने मामले को आधिकारिक रूप से आरोप तय करने के लिए 13 सितंबर को सूचीबद्ध किया है, जहां टाइटलर के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. यह फैसला आने वाले समय में कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों के बीच एक नई बहस को जन्म दे सकता है, जो पहले से ही इस मुद्दे पर विभाजित हैं.
एक गवाह के बयान से शुरू हुआ मामला
बताते चलें कि कोर्ट में पेश हुए एक गवाह ने अपने बयान में कहा था कि 1 नवंबर 1984 को टाइटलर गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने एक सफेद एम्बेसडर कार से बाहर निकले थे. इसके बाद उन्होंने भीड़ को उकसाते हुए कहा था, "सिखों को मार डालो, उन्होंने हमारी मां (इंदिरा गांधी) को मार डाला है." इस उत्तेजक बयान के बाद उग्र भीड़ ने गुरुद्वारे पर हमला करके तीन निर्दोष सिखों की हत्या कर दी.
मामले से जुड़े जानकारों के मुताबिक जगदीश टाइटलर, उस समय कांग्रेस के एक प्रभावशाली नेता थे. उन पर लंबे समय से इन दंगों में शामिल होने का आरोप लगता रहा है. इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर कई बार जांच हुई और कई बार क्लीन चिट भी दी गई थी, लेकिन इस बार अदालत ने उनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है, जो उनके लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है.
DSGPC ने कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय होने से सिख समुदाय में एक उम्मीद की किरण जगी है कि इस मामले में आखिरकार उन्हें न्याय मिल सकेगा.
1984 के दंगों के पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो दशकों से न्याय की आस लगाए बैठे हैं.
कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका ने कहा, सिख समुदाय ने दंगों के दोषियों को सजा दिलाने के लिए 40 साल से लड़ाई लड़ी है. हमारा केवल एक मकसद रहा है कि हत्यारों को जेल भेजा जाए. आज अदालत का आदेश आने के बाद हमें बड़ी राहत हासिल हुई है. हमें उम्मीद है कि जगदीश टाइटलर को जल्द ही जेल भेजा जाएगा.
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