Mumbai News: सीबीआई ने समीर वानखेड़े और बाकी चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज मामले में खुलासा किया है कि कैसे इन लोगों ने शाहरुख खान के बेटे ऑर्यन खान को फंसाया. समीर वानखेड़े 2008 बैच के IRS अधिकारी है और NCB में मुबंई जोन के डायरेक्टर पद पर तैनात थे. समीर ने अपने साथ इस साजिश में अपने दो अधिकारियों वी वी सिंह और आशिष रंजन को शामिल किया जिन्होने के पी गोस्वामी और सैनवील डिसुजा से मिल कर उगाही की इस योजना को बनाया.


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इसी योजना के तहत 2 अक्टूबर 2021 को एक प्राइवेट क्रूज से ऑर्यन खान समेत दूसरे आरोपियों को नशे का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. लेकिन समीर वानखेड़े और दूसरे आरोपी अपनी योजना में सफल हो पाते उससे पहले ही ये मामला सुर्खियों में आ गया क्योंकि इसमें शाहरुख खान का बेटा भी शामिल था. मामले की गंभीरता को देखते हुये सीनियर अधिकारियों ने इस मामले पर नजर रखनी शुरू की.


NCB के DDG-NR/CVO यानी डिप्टी डायरेक्टर जनरल नॉर्थन जोनल ग्यानेशवर सिंह ने 21 अक्टूबर 2021 SET यानी Special Enquiry Team का गठन किया जिसने समीर वानखेड़े पर लगे आरोपों की जांच की. 


प्राइवेट क्रूज पर मारा छापा
जांच में पाया गया कि समीर वानखेड़े जोकि मुंबई जोन के डायरेक्टर थे उन्होंने अपनी टीम वी वी सिंह, आशिष रंजन और दो प्राइवेट गवाह के पी गोस्वामी और अपने बॉडीगॉर्ड प्रभाकर सैल के साथ मिल कर प्राइवेट क्रूज पर छापा मारा.


जांच के दौरान आरोपियों ने 27 लोगों को पकड़ा था जो कि I-Note यानी Information Note से पता चलता है लेकिन बाद में इसे बदल दिया गया और 10 नाम जोड़े गये जिसमें से कुछ नाम बाद में जोड़े गये थे. जांच में पता चला कि इसमें कुछ लोग जिनके खिलाफ सबूत थे उनको मौके पर ही छोड़ दिया गया और ऑर्यन खान जिसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था उसे पकड़ा गया.


सिदार्थ साह जिसने अरबाज मर्चेंट को चरस लाकर दी थी और NCB अधिकारियों को अरबाज के पास से चरस भी बरामद हुई थी लेकिन बिना किसी वजह से सिदार्थ को छोड़ दिया गया जबकि उसने मौके पर इस बात को माना था कि उसने अरबाज मर्चेंट को चरस ला कर दी है.


केपी गोस्वामी अपनी गाड़ी में आर्यन खान को लेकर गया
इसके अलावा समीर वानखेड़े ने वी वी सिंह को कहा कि ऑर्यन खान को के पी गोस्वामी को ले जाने दे, जिससे ऐसे लगे की के पी गोसेवामी NCB का अधिकारी है. के पी गोस्वामी ऑर्यन खान को ना सिर्फ पकड़ कर NCB के दफ्तर अपनी प्राइवेट गाड़ी में लेकर गया, बल्कि इस तरह दिखाया की वो एक जांच अधिकारी है जबकि वहां दूसरे अधिकारी भी मौजूद थे. इसके अलावा समीर ने के पी गोस्वामी जोकि सिर्फ एक प्राइवेट गवाह था, उसे ऑर्यन खान के पास रहने दिया, सेल्फी खींचने दी और उसकी आवाज में मैसेज रिकॉर्ड करने दिया जिससे वो अपने उगाही के मकसद में कामयाब हो सके.


आरोप है कि इसी के बाद के पी गोस्वामी ने अपने साथी सैनवील डिसूजा के साथ मिल कर शाहरुख खान से ऑर्यन खान को बचाने के बदले 25 करोड़ मांगे. समझौता 18 करोड़ में तय हुआ और 50 लाख रुपये दे भी दिए गए. लेकिन मामला जब सुर्खियों में आ गया और बात हाथ से निकलने लगी तो कुछ पैसे वापिस पहुंचाये गये. गोस्वामी को 28 अक्टूबर 2021 को ही पूणे पुलिस ने धोखाधड़ी की एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया था.


इसके अलावा SET ने समीर वानखेड़े की और जांच की तो पता चला कि वो कई बार विदेश दौरों पर जा चुका और काफी खर्चा किया है लेकिन इसकी पूरी जानकारी ना तो NCBऔर ना ही अपने पेरेंट कैडर यानी IRS- C&CE (Custom & Central Excise)  विभाग को दी. जांच में ये भी पता चला कि समीर विदेशी और महंगी घडियों के खरीदने और बेचने का काम भी करता है जिसकी जानकारी नहीं दी गई.


ऑर्यन खान समेत 6 के खिलाफ नहीं दाखिल की गई चार्जशीट
इस पूरे मामले की जांच के बाद NCB ने प्राइवेट क्रूज से गिरफ्तार 14 आरोपियों के खिलाफ 27 मई 2022 को चार्जशीट दाखिल की दी लेकिन ऑर्यन खान समेत 6 लोगों के खिलाफ कोई सबूत नहीं थे इसलिये इनके खिलाफ चार्जशीट नहीं दाखिल की गयी थी. क्रूज पर छापेमारी के दौरान मौजूद के पी सिंह का बॉडीगॉर्ड प्रभाकर सैल की चार्जशीट दाखिल होने से एक महीना पहले अप्रैल 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गयी थी. 


NCB की SET जांच के बाद 11 मई 2023 को NCB के अधिकारी की तरफ से समीर वानखेड़े, वी वी सिंह, आशिष रंजन, के पी गोस्वामी और सैनवील डिसूजा के खिलाफ शिकायत दी गयी जिसके बाद उसी दिन मामला दर्ज कर सीबीआई ने समीर वानखेडे और दूसरे आरोपियों के 29 ठिकानों पर छापेमारी कर अहम सबूत जुटाये.