नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई जिले भीषण बाढ़ (Flood) की चपेट में आ गए हैं और यह खतरा लगातार गहराता जा रहा है. सतारा और रायगढ़ में 36 और शव मिलने के बाद बाढ़ और भूस्खलन से हुए हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 तक जा पहुंच है, जबकि 64 लोग लापता बताए जा रहे हैं. इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने केंद्र सरकार से राज्य को मदद देने की अपील की है.


मदद को आगे आएं बड़े लोग


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संजय राउत ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है लेकिन केंद्र सरकार को भी महाराष्ट्र की की मदद करनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बड़े-बड़े लोगों को बाढ़ में लोगों मदद करनी चाहिए, जब कोई छोटी घटना होती है तो वो बोलते हैं मगर इस विपदा की घड़ी में उनको पीड़ितों की मदद करनी चाहिए.


राउत ने भरोसा दिलाया की उद्धव सरकार लोगों को राहत पहुंचाने के काम में पूरी मेहनत के साथ लगी हुई है और उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने जिनको बनाया है उन सबको मदद करनी चाहिये. इससे पहले राज्य सरकार ने रायगढ़ और रत्नागिरी जिले को 2-2 करोड़ रुपये की आपातकालीन वित्तीय सहायता दी थी. साथ ही बारिश से प्रभावित सतारा, सांगली, पुणे, कोल्हापुर, ठाणे और सिंधुदुर्ग को भी 50-50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई है.


राहत पहुंचाने में जुटी कई टीमें


मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackeray) ने भीषण बाढ़ वाले इलाके चिपलून का दौरा किया था और निवासियों, व्यापारियों और दुकानदारों से बातचीत की. रात्नागिरी जिले के चिपलून में 5 राहत शिविर बनाए गए हैं. एनडीआरएफ की 25 टीमें, SDRF की चार टीमें, कोस्ट गार्ड्स की दो टीमें, नेवी की पांच टीमें और सेना की तीन टीमें राहत और बचाव अभियान चला रही हैं.


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सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अब तक रायगढ़ में 60, रत्नागिरी में 21, सतारा में 41, ठाणे में 12, कोल्हापुर में सात, उपनगरीय मुंबई में चार और सिंधुदुर्ग और पुणे में दो-दो लोगों की मौत हुई है, इसक अलावा 50 से ज्यादा लोग बाढ़ और भूस्खलन से जुड़ी घटनाओं में घायल भी हुए हैं.