सरकारी कर्मचारी रहेंगे तनावमुक्त, केंद्र सरकार ने लिया ये दिलचस्प फैसला
आदेश में कहा गया कि अधिकारी अब अपने कार्यालय की कुर्सी पर बैठे-बैठे छोटी अवधि के योगाभ्यास कर सकते हैं, जिसका नाम है ‘वाई-ब्रेक एट वर्कप्लेस योग’ है. इसका मकसद कर्मचारियों को तनाव मुक्त और तरोताजा महसूस कराना है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कर्मचारियों को तनाव मुक्त रखने का प्लान तैयार कर लिया है. केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वे तनाव मुक्त और तरोताजा होने के लिए काम के दौरान कम समय का ‘वाई-ब्रेक’ (योग विराम) लें. सरकार ने ये फैसला इसलिए किया है ताकि सरकारी कर्मचारी बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें.
‘वाई-ब्रेक’ का अर्थ दफ्तर में अपनी कुर्सी पर ही योग करने से है. कार्मिक मंत्रालय ने एक आदेश में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों/विभागों से कार्यस्थल पर लोगों के लिए इस नए योग दिशानिर्देश को लागू करने और योग को बढ़ावा देने को कहा है.
सरकार द्वारा जारी आदेशानुसार, ‘कार्यस्थल पर वाई-ब्रेक आयुष मंत्रालय द्वारा कर्मियों को तनाव मुक्त व तरोताजा करने के मकसद से शुरू किया जा रहा है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें. इसे मिल रही प्रतिक्रिया बेहद ही प्रोत्साहित करने वाली है. मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान व आयुष मंत्रालय उन अधिकारियों के लिए नई सुविधाएं लाए हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण बाहर जाकर योगाभ्यास नहीं कर सकते.’
आदेश में कहा गया कि अधिकारी अब अपने कार्यालय की कुर्सी पर बैठे-बैठे छोटी अवधि के योगाभ्यास कर सकते हैं, जिसका नाम है ‘वाई-ब्रेक एट वर्कप्लेस योग’ है. इसका मकसद कर्मचारियों को तनाव मुक्त और तरोताजा महसूस कराना है, ताकि वे बेहतर तरीके से काम पर ध्यान दे सकें.
सरकार योग के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए फिर से पुरस्कार शुरू करने की घोषणा कर चुकी है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत और विदेशों में योग के प्रचार-प्रसार में मीडिया की भूमिका की सराहना करने के लिए तीन श्रेणियों–प्रिंट मीडिया, टेलीविजन और रेडियो–में 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में 33 सम्मान प्रदान करेगा. यह इन पुरस्कारों का दूसरा संस्करण है, जिसे कोविड-19 महामारी के दौरान स्थगित कर दिया गया था.