नई दिल्ली: आम बजट 2018 में आंध्र प्रदेश के लिए कोई घोषणा नहीं होने से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अपना एक दोस्त गंवाना पड़ सकता है. आंध्र में सत्ताधारी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) मोदी सरकार के इस बजट से नाखुश है. इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक की. वहीं टीडीपी ने भी शिवसेना की तर्ज पर 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की अगुवाई वाली एनडीए से अलग होने के संकेत दिए हैं. पार्टी का कहना है कि टीडीपी आंध्र प्रदेश के हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगी। मोदी सरकार में सहयोगी टीडीपी के सांसदों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं. सांसदों की नाराजगी के बाद टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू रविवार को उनके साथ बैठक करेंगे.


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बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई: टीडीपी
केंद्र सरकार के सहयोगी दल तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने सरकार के बजट की आलोचना की है. केंद्रीय मंत्री तथा टीडीपी नेता वाईएस चौधरी ने कहा कि बजट को देखकर उन्हें निराशा हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे रेलवे, पोलावरम प्रोजेक्ट, अमरावती के लिए पूंजी समेत आंध्र प्रदेश के कई मुद्दों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया गया है.


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केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी ने कहा कि उन्हें सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी. आंध्र प्रदेश के विकास के लिए अधिक ध्यान देने की जरूरत है, लेकिन सरकार ने तो बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया है. 


रिश्तों में आई दरार
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दोस्ती का हवाला देते हुए सहयोगी दल बीजेपी के साथ विवाद पर बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह इस बारे में तब बोलेंगे, जब भगवा दल गठबंधन जारी रखना नहीं चाहेगा. नायडू ने अपनी सरकार के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में बीजेपी के कुछ नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों पर एक सवाल के जवाब में यह कहा. तेलुगू देशम पार्टी (तेदपा) प्रमुख नायडू ने कहा कि मुद्दे के बारे में सोचना बीजेपी नेताओं पर निर्भर है. उन्होंने कहा, ‘मैं मित्रपक्ष धर्म के चलते कुछ नहीं कहूंगा. उनके नेतृत्व को इस बारे में सोचना चाहिए.’