Chandrayaan 3 Mission Latest News:  चंद्रयान-3 के लिए गुरुवार 17 अगस्त का दिन बेहद महत्वपूर्ण है. चंद्रयान दो हिस्सों में बंट जाएगा. 17 अगस्त को दोपहर 1 बजे के करीब प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल एक दूसरे से अलग हो चांद की कक्षा में चक्कर लगाएंगे. यहां आपके मन में सवाल कौंध रहा होगा कि इसका मतलब क्या है. जब प्रोपल्शन मॉडयूल और विक्रम लैंडर से अलग होगा तो आगे का सफर लैंडर कैसे तय करेगा. 17 अगस्त को दोनों मॉड्यूल अलग होने के बाद 100 किमी x 100 किमी की ऑर्बिट में एक दूसरे से थोड़ी दूरी बनाकर चांद का चक्कर लगाएंगे.


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17, 18 और 20 अगस्त अहम दिन


18 और 20 अगस्त को विक्रम लैंडर की डीआर्बिटिंग करायी जाएगी यानी उसे कक्षा से निकाल पर चांद की सतह तक ले जाने की प्रक्रिया की शुरुआत होगी.18 अगस्त को शाम चार बजे के आसपास करीब एक मिनट के लिए लैंडर को थर्स्टर को ऑन करके सही दिशा में लाया जाएगा. यही प्रक्रिया 20 अगस्त को भी दोहराई जाएगी. उसके बाद चंद्रयान-3 को गोलाकार कक्षा में लाया जाएगा. अभी तक चार चरण कामयाबी के साथ पूरे हो चुके हैं और पांचवें चरण की प्रक्रिया की शुरूआत 17 अगस्त से शुरू होकर 20 अगस्त तक पूरी होगी. 23 अगस्त को शाम करीब 6 बजे लैंडर की साफ्ट लैंडिंग चांद की सतह पर करायी जाएगी. उस समय धूल उड़ने की संभावना अधिक है लिहाज धूल के छंटने का इंतजार होगा.


इस तरह प्रज्ञान रोवर आएगा बाहर


धूल के छंटने के बात लैंडर के पेट से प्रज्ञान रोवर बाहर आएगा. प्रज्ञान चांद की सतह पर चलेगा और इलाके का परीक्षण करेगा. इस प्रक्रिया से गुजरने के बाद प्रज्ञान, विक्रम लैंडर को जानकारी देगा और विक्रम लैंडर चांद की सतह से करीब 100 किमी ऊपर चक्कर लगा रहे प्रोपल्शन मॉड्यूल को जानकारी देगा. प्रोपल्शन मॉड्यूल पूरी जानतकारी को बेंगलुरु में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क को भेजेगा. खास बात यह है कि जब प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चलेगा तो वो भारत के तिरंगे और इसरो का लोगो नजर आएगा.