नई दिल्‍ली: इस स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से प्रधानमंत्री ने भारतीय सेनाओं के लिए हाल के दशकों के सबसे बड़े सुधार की घोषणा कर दी. अब तीनों सेनाओं यानि वायुसेना, थलसेना और नौसेना का एक सम्मिलित अध्यक्ष होगा. इसे CHIEF OF DEFENCE STAFF यानि CDS कहा जाएगा. इस तरह के एक पद की सिफारिश कारगिल युद्ध के बाद बनी सुब्रमण्यम कमेटी की रिपोर्ट में भी की गई थी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस पद के बनने से तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल होने का साथ-साथ संसाधनों को उचित इस्तेमाल भी हो पाएगा. दुनिया की बहुत सी सेनाओं में इस तरह का पद है, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में से एक होने के बावजूद भारतीय सेना में ये पद नहीं था.


सूत्रों के मुताबिक इस रैंक के बारे में विस्तार से विचार करने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी और संभावना है कि अगले दो महीने में वो अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. इस रिपोर्ट में रैंक की शक्तियों और ज़िम्मेदारियों के बारे में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा. ये रैंक तीनों सेनाओं के अध्यक्षों से वरिष्ठ होगा.


मोदी सरकार ने खास ऑपरेशन के लिए तीनों सेनाओं की तीन साझा एजेंसियां पहले ही बना दी हैं. ये हैं डिफेंस साइबर एजेंसी जिसमें नौसेना की मुख्य भूमिका होगी, डिफेंस स्पेस एजेंसी जिसमें वायुसेना नेतृत्व करेगी और स्पेशल ऑपरेशन डिवीज़न जिसका नेतृत्व सेना करेगी. CDS का बनना तीनों सेनाओं के तालमेल को और बेहतर बनाएगा.


भारतीय सेना लंबे अरसे से तीनों सेनाओं की मिलीजुली THEATRE COMMANDS बनाने की दिशा में एक क़दम और बढ़ गई है. अमेरिका और चीन जैसी बड़ी सेनाओं में तीनों सेनाओं की अलग-अलग कमान के बजाए किसे एक इलाक़े पर केंद्रित थियेटर कमान होती हैं जिसमें तीनों सेनाओं के हिस्से होते हैं.


अभी तीनों सेनाओं के अध्यक्ष 4 स्टार जनरल कहलाते हैं. तीनों सेनाध्यक्षों में सबसे वरिष्ठ चेयरमैन चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का पद भी संभालता है. इसके अलावा कारगिल के युद्ध के बाद तीनों सेनाओं की सम्मिलित कमान के लिए इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की स्थापना की गई थी. लेकिन CDS बनने के बाद इस कमान का क्या होगा ये भी अभी तय नहीं है. लेकिन ये तय है कि विदेश मामलों, ट्रेनिंग, रणनीति और हथियारों की ख़रीद में CDS की मुख्य भूमिका होगी.