मध्य प्रदेश में मांडू के जिस सुल्तान के तहखाने को 700 साल पुराना बताया जाता है, उसकी पहरेदारी आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है.
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मध्य प्रदेश में मांडू के जिस सुल्तान के तहखाने को 700 साल पुराना बताया जाता है, उसकी पहरेदारी आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है. उज्जैन के पास सुल्तान के इस रहस्यमयी महल के लोगों ने बहुत किस्से सुन रखे थे, बहुत रोमांचित कर रहे थे, खंडहर में तब्दील हो चुके महल में छिपे अकूत खजाने और इसकी रखवाली कर रहे नाग-नागिन के जोड़े के रहस्यमयी किस्से. ज़ी न्यूज़ ने इन तमाम किस्सों की खुद जाकर पड़ताल की. हमने सुना था, पूरे महल की छान मारने पर भी नाग-नागिन का कहीं अता-पता नहीं चलता.
ग्रामीणों ने इस जोड़े को लेकर किया था आगाह
लेकिन जैसे ही ज़ी न्यूज़ की टीम महल के 7 दरवाजों में से किसी एक दरवाजे की तरफ बढ़ी, तभी अचानक ये जोड़ा साक्षात हरकत में आ गया. इस नाग-नागिन के जोड़े के किस्से पूरे हिंगोलिया इलाके में मशहूर है. हमारी टीम जब सुल्तान के महल की तरफ बढ़ रही थी, तभी हमें ग्रामीणों ने इस जोड़े को लेकर आगाह किया था. मांडू के सुल्तान के इस रहस्यमयी महल की एक-एक गुत्थियां समझने के लिए हमारी टीम एक स्थानीय पुरातत्व विशेषज्ञ आर.सी. ठाकुर को भी साथ ले गई थी.
जिसने जाने की कोशिश की, वो जिंदा नहीं लौटा?
आर.सी. ठाकुर हमें अभी महल के खजाने और रहस्यों के बारे में बता ही रहे थे, कि सामने से हल्की सी सरसराहट और फिर फुंफकार की आवाज सुनाई दी. आर.सी ठाकुर ने बताया कि सुल्तान के गुप्त खजाने के साथ नाग-नागिन की मौजूदगी इस महल का सबसे बड़ा रहस्य है. इस खंडहर में जिस तहखाने की पहरेदारी करता है नाग-नागिन का ये जोड़ा, उसके बारे में कई तरह के किस्से कहानियां मशहूर है. महल के आस पास जो गड्ढे आप देख रहे हैं, ये तहखाने में छिपे हीरे जवाहरात की तलाश में खोदे हुए गड्ढे हैं. बरसों से लोग इस इलाके में आते है और कोई तंत्र साधना या फिर किसी अनुमान के आधार पर खुदाई करते हैं. लेकिन नाग-नागिन के पहरेदारी इतनी सख्त है, कि आज तक कोई भी महल के दरवाजों के भीतर नहीं जा सका. जिसने जाने की कोशिश की, वो कभी जिंदा नहीं लौटा.