India Vibrant Villages Programme: चीन की विस्तारवादी की नीति को काउंटर करने के लिए भारत ने अपना वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (vibrant villages programme) शुरू किया है. सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस प्रोग्राम की शुरुआत अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव से की है. सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाकों में चीन तेजी से गांव बसा रहा है. खुले मंच पर अक्सर ड्रैगन अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों को चीन का हिस्सा बताता है. चीन की इस नीति को काउंटर करने के लिए भारत सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत 4800 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है. साल 2022-23 से लेकर 2025-26 तक के लिए इस बजट का प्रावधान किया गया है.


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19 जिलों में कुल 2,967 गांवों प्रोग्राम का हिस्सा


वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चीन से सटे सीमावर्ती इलाकों के गांवों में बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा. इस प्रोग्राम के शुरुआती दौर में भारत सरकार ने 662 गांव का निरीक्षण किया है, जिनमें 455 गांव अरुणाचल प्रदेश के हैं, हिमाचल के 75 उत्तराखंड के 51, सिक्किम के 46 और लद्दाख के 35 गांवों को शामिल किया गया है. वहीं मोदी सरकार के इस पूरे प्रोग्राम की बात करें तो इसके तहत 19 जिलों में कुल 2,967 गांवों को डिवेलप करने का काम किया जाएगा.


गांव का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा जबरदस्त


आपको बता दें कि वाइब्रेंट विजेज प्रोग्राम के जरिए गांव में सड़कें बनाने, बिजली कनेक्शन पहुंचाने, कम्युनिकेशन को ठीक करने, गांव और गांव के घरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने, पर्यटन और संस्कृति को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा. इसके अलावा यहां के लोगों को स्किल डेवलपमेंट के लिए कई प्रोग्राम कराए जाएंगे, साथ ही एंटरप्रेन्योरशिप पर जोर दिया जाएगा. साथ ही सरकार इन गांव में बागवानी और औषधि की खेती को बढ़ावा देने का काम करेगी. भारत ने जब से यह प्रोग्राम शुरू किया है, तब से चीन घबराया हुआ है. मोदी सरकार की ये महत्वकांक्षी योजना चीन की आंखों में शुरू से खटक रही है.


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