MP में अब `मोहन राज`..छत्तीसगढ़ में `विष्णु सरकार`, शपथ ग्रहण में दिखा बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन
CM Oath Ceremony: पीएम मोदी से लेकर जेपी नड्डा और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम मौजूद रहे. पहले एमपी में मोहन यादव ने शपथ ली. बीजेपी विधायक दल के नेता एवं उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
Mohan Yadav Vishnu Deo Sai: बुधवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्रियों ने शपथ ली. उनके साथ दो-दो उप मुख्यमंत्रियों ने भी शपथ ली है. इस दौरान बीजेपी का पूरा शक्ति प्रदर्शन दिखा. पीएम मोदी से लेकर जेपी नड्डा और बीजेपी शासित राज्यों के सीएम मौजूद रहे. पहले एमपी में मोहन यादव ने शपथ ली. बीजेपी विधायक दल के नेता एवं उज्जैन दक्षिण से विधायक मोहन यादव ने बुधवार को भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. मोहन यादव (58) को राज्य की राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने पद की शपथ दिलाई. राज्यपाल ने जगदीश देवड़ा (मंदसौर के मल्हारगढ़ से विधायक) और राजेंद्र शुक्ला (रीवा से विधायक) को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और शिवराज सिंह चौहान मौजूद रहे. इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और नितिन गडकरी भी मौजूद रहे.
मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री
तीन बार के बीजेपी विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री हैं. वर्ष 2003 के बाद से, मध्य प्रदेश में भाजपा के सभी तीन मुख्यमंत्री, अर्थात उमा भारती, बाबूलाल गौर और चौहान, अन्य पिछड़ा वर्ग से रहे हैं. साथ ही, यादव भी ओबीसी वर्ग से आते हैं. मुख्यमंत्री के रूप में यादव की नियुक्ति से भाजपा के दिग्गज नेता और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के युग का भी अंत हो गया, जिन्होंने करीब दो दशकों तक राज्य की राजनीति पर दबदबा बनाए रखा. यादव मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में नहीं थे. उन्हें अहम पद की जिम्मेदारी देना आगामी लोकसभा चुनावों से पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय पर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा के एक कदम के रूप में देखा जा रहा है. मध्य प्रदेश की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी 48 प्रतिशत से अधिक है.
विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री
इसके बाद विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. साय के साथ ही बीजेपी विधायक अरुण साव और विजय शर्मा ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह पहला मौका है जब राज्य में मुख्यमंत्री को सहयोग करने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने साइंस कॉलेज मैदान में एक शपथ ग्रहण समारोह के दौरान साय और दोनों उपमुख्यमंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और रामदास अठावले, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के उनके समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और अन्य राज्यों के पार्टी नेता शामिल हुए.
'मोदी ने बघेल से हाथ मिलाया'
खास बात यह है कि इस कार्यक्रम में राज्य के लगभग 50 हजार लोग भी शामिल हुए. समारोह के दौरान मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व उप मुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव भी मौजूद रहे. मंच पर प्रधानमंत्री मोदी ने बघेल से हाथ मिलाया. राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 54 सीटें जीती है. 2018 में 68 सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार 35 सीटों पर सिमट गई. राज्य में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक सीट जीतने में कामयाब रही. भाजपा ने रविवार को प्रमुख आदिवासी नेता साय (59) को छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुना.
छत्तीसगढ़ साय प्रदेश के चौथे मुख्यमंत्री हैं. उनके पूर्ववर्तियों में 2000 से 2003 तक अजीत जोगी (कांग्रेस), 2003 से 2018 तक रमन सिंह (भाजपा) और 2018 से दिसंबर 2023 तक कांग्रेस से भूपेश बघेल शामिल हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री साय, जो छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं, इस विधानसभा चुनाव में राज्य के सरगुजा संभाग की कुनकुरी सीट से विधायक चुने गए हैं. भाजपा ने राज्य में अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों के लिए आरक्षित 29 सीटों में से 17 सीटों में जीत हासिल की है. साथ ही सरगुजा क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर भी भाजपा के उम्मीदवार जीते हैं. साय ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक गांव के सरपंच के रूप में की और भाजपा संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे. साथ ही वह केंद्रीय मंत्री और कई बार लोकसभा सदस्य बने. साय के आरएसएस के साथ भी अच्छे संबंध हैं.