Uttarkashi Tunnel Rescue Operation:  28 नवंबर को सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया. करीब 17 दिन तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में कई तरह के उतार चढ़ाव के दौर सामने नजर आए. उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी मजदूरों से अस्पताल में मुलाकात करेंगे. हालांकि उससे पहले जी न्यूज से एक्सक्लूसिव बातचीत में कई बड़ी जानकारी दी. उनसे पहला सवाल किया गया कि क्या निर्माण कार्यों की समीक्षा करेंगे. इस सवाल के जवाब में कहा कि देखिए उत्तराखंड में कई निर्माण कार्य जारी हैं. इस घटना के बाद अब हम सभी कार्यों की समीक्षा करेंगे.


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सीएम धामी ने क्या कहा


सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि दीपावली के दिन ही सुरंग में फंसे मजदूरों के बारे में जानकारी मिल गई थी. सरकार ने उसी दिन से मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने के बारे में योजना पर काम शुरू किया, शुरुआत में जेसीबी मशीनों और पोकलेन की मदद से मलबे को निकालने का काम शुरू हुआ. लेकिन दिक्कत यह हुई कि जितना मलबा निकाला जाता था उतना ही मलबा वापस गिर जाता था. इस तरह से रेस्क्यू में दिक्कत आ रही थी. इस प्रयास में जब कामयाबी नहीं मिली तो दूसरे उपायों पर काम शुरू हुआ.


उन्होंने आगे बताया कि देश के अलग अलग हिस्सों से ऑगर मशीनों को इस्तेमाल में लाया गया. ऑगर मशीन ने 21 मीटर तक काम किया. लेकिन, चट्टानों, गर्डर और स्टील की वजह से मिशन में बाधा आ गई और काम रुक गया. उसके बाद मैनुअल ड्रिलिंग के विकल्प के बारे में सोचा गया. हालांकि, ऑगर मशीन को फिर इस्तेमाल में लाया गया. लेकिन 37 मीटर के बाद फिर वहीं दिक्कत आई. बाद में विशेषज्ञों की सलाह के बाद यह फैसला किया गया कि अब मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रेस्क्यू मिशन को आगे बढ़ाया जाएगा.



सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि इस मिशन की सबसे खास बात यह रही कि पीएम मोदी की खुद नजर थी. वो लगातार पूछा करते थे कि टनल के अंदर फंसे मजदूरों के लिए खाने पीने का क्या इंतजाम है, उनके परिजन जो साइट पर आए हैं उनके लिए क्या इंतजाम किए गए हैं. खास बात यह थी कि वो हर एक छोटी छोटी बातों के बारे में पूछा करते थे और आवश्यक इंतजाम के लिए कहते थे. इसके साथ ही देश के अलग अलग हिस्सों से राज्य सरकारों से भी सहयोग मिला. यही नहीं सड़क परिवहन मंत्रालय के मुखिया नितिन गडकरी जी से भी खास सहयोग मिला. कुल मिला जुला कर आप कह सकते हैं कि विशेषज्ञों की मेधा, रेस्क्यू टीम के लोगों की मेहनत और बाबा बौखनाग की कृपा से हम मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचा सकने में कामयाब हुए.