Shashi Tharoor Statement: केरल (Kerala) में वायकोम सत्याग्रह पर कांग्रेस (Congress) के कार्यक्रम में पार्टी के दिग्गज नेता के. मुरलीधरन (K. Muralidharan) को बोलने का मौका नहीं दिए जाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. इस घटना पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने भी रिएक्शन दिया है. शशि थरूर ने इसे वरिष्ठ नेता के लिए अपमानजनक बताया है. शशि थरूर ने कहा कि अगर कांग्रेस को उचित तरीके से आगे की ओर बढ़ना है तो उसके सीनियर नेताओं से इस तरीके का व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. कांग्रेस सांसद थरूर ने कहा कि मुरलीधरन सीनियर नेता हैं. वे केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष हैं. पार्टी में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है. ऐसे सीनियर व्यक्ति का अपमान सही नहीं है.


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शशि थरूर की टिप्पणी से बढ़ा विवाद!


बता दें कि शशि थरूर की ये टिप्पणी तब आई है जब कांग्रेस के दिवंगत लीडर और पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरण के बेटे मुरलीधरन ने कार्यक्रम में बोलने का मौका नहीं दिए जाने पर अंसतोष व्यक्त किया. के. मुरलीधरन ने कहा कि उनको ‘जानबूझकर नजरअंदाज’ किया गया. केपीसीसी के दो पूर्व अध्यक्षों रमेश चेन्नीथला और एम. एम. हासन को संबोधन का मौका दिया गया लेकिन उनको नहीं दिया गया.


मुरलीधरन ने कह दी ये बड़ी बात


कांग्रेस नेता मुरलीधरन ने ये भी कहा कि उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के जनरल सेक्रेटरी के. सी. वेणुगोपाल और केपीसीसी अध्यक्ष के. सुधाकरन से इस बारे में बात की है. मुरलीधरन ने उनसे कह दिया है कि अगर पार्टी को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है तो वे उनको बता सकते हैं.


मुरलीधरन को क्यों नहीं दिया गया मौका?


वहीं, चेन्नीथला ने इस पर कहा कि इसको मुद्दा बनाने की आवश्यकता नहीं है. के. मुरलीधरन संभवत: इस वजह से बोलने का मौका नहीं दिया गया होगा क्योंकि पार्टी चीफ मल्लिकार्जुन खड़गे को तुरंत लौटना था.


(इनपुट- भाषा)


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