नई दिल्ली (शादाब सिद्दीकी): राज्यसभा का चुनाव कांग्रेस के लिए एक बड़े अवसर के रूप में आया है इन चुनावों में पार्टी की सीटें भले ही राज्यसभा में कम हो रही हों लेकिन उसके सहयोगी की तादाद बढ़ गई है. राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन बना लिया है. वहीं यूपी में कांग्रेस पार्टी भले ही लोकसभा के उपचुनाव में एसपी और बीएसपी के खिलाफ लड़ रही हो लेकिन राज्यसभा के चुनाव में तीनों पार्टियों के एक होने की संभावना है ताकि 2019 का रास्ता आसान हो सके.


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इन राज्यों में हुआ समझौता
ममता बनर्जी ने कोलकाता में ऐलान कर दिया है कि वह कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी को राज्यसभा चुनाव में अपना समर्थन देंगी. अभिषेक मनु सिंघवी 5वें उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस और टीएमसी के विधायकों के सहयोग से जीतेंगे. वहीं झारखंड में भी राज्यसभा सीटों के लिए कांग्रेस और JMM में समझौता हो गया है और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. इस बारे में कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार ने घोषणा की है कि जल्दी पार्टी अपने प्रत्याशी का ऐलान कर देगी.


2019 पर है कांग्रेस की नजर
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन पिछले दिनों राहुल गांधी से आकर मिले थे और इस बैठक में ही इस समझौते का फॉर्मूला तय किया गया था. उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी के पास 7 विधायक हैं वहां पर राज्यसभा सभा चुनाव में सपा और बसपा साथ आ गए हैं और यह उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस भी BSP के उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दे ताकि 2019 के लिए एक साझा गठबंधन बन सके.


सीटें कम लेकिन सफलता ज्यादा
माना जा रहा है कि कांग्रेस के तकरीबन 12 उम्मीदवार राज्यसभा का चुनाव लड़ेंगे. हालांकि पार्टी अभी तक किसी भी उम्मीदवार का नाम अनाउंस नहीं कर पाई है. वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस और बीएसपी के बीच राज्यसभा उम्मीदवार के लिए समझौता हो गया है. वहां BSP कांग्रेस के उम्मीदवार का समर्थन करेगी. असम में भी बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ कांग्रेस के साथ आ गई है. इसे देख यह साफ हो जाता है कि भले ही कांग्रेस की राज्यसभा में सीटें कम हो रही हों लेकिन राज्यों में उसे गठबंधन बनाने में जरूर सफलता मिल गई है.


सोनिया ने दिया है डिनर पार्टी का न्योता
राज्यसभा चुनाव के ठीक बाद 13 मार्च को सोनिया गांधी ने अपने सहयोगियों के लिए डिनर पार्टी का आयोजन किया है. जिसमें उन्होंने तमाम क्षेत्रीय पार्टी को बुलाया है. इसमें ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी, समाजवादी पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, बदरुद्दीन अजमल की AIUDF, नेशनल कांफ्रेंस, NCP, अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोकदल, शरद यादव के गुट वाले जेडीयू और RJD समेत तकरीबन 14 दलों को न्योता दिया गया है.


कांग्रेस के लिए संतोष की बात यह है कि सोनिया गांधी के डिनर से पहले ज्यादातर राज्यों में बीजेपी के खिलाफ एक बड़ा मोर्चा मोर्चा तैयार हो रहा है. और राज्यसभा चुनाव ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.