नई दिल्ली: चुनाव आयोग (Election Commission) में ऑडिट रिपोर्ट अभी तक जमा न होने के कारण कांग्रेस (Congress) पार्टी अब दिक्कत में आ गई है. कांग्रेस पार्टी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए चुनाव आयोग में याचिका दायर की गई है. इसमें कहा गया है कि कांग्रेस ने पिछले छह सालों से अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग में जमा नहीं की है, इसलिए कांग्रेस पार्टी को आयकर में छूट न दी जाए साथ ही चुनाव चिन्ह पर भी रोक लगाई दी जाए.


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2014 के बाद सिर्फ इन दो राज्यों में जमा हुई ऑडिट रिपोर्ट
दरअसल, चुनावों के आयोजन संबंधी जन प्रतिनिधि कानून की धारा 29C में प्रावधान है कि राजनीतिक पार्टी को अपने लेखाजोखा की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास दाखिल करनी जरूरी होती है. वकील हरि शंकर जैन और वकील विष्णु शंकर जैन द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी ने 2014 से अपनी केंद्रीय यूनिट और उत्तर प्रदेश यूनिट के अलावा किसी भी राज्य की यूनिट की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग में जमा नहीं की है.


ऑडिट रिपोर्ट के जरिए आयकर में मिलती है छूट
आयकर अधिनियम 13ए में प्रावधान है कि यदि किसी भी राजनैतिक दल को आयकर में छूट लेनी है तो उस दल को अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग में जमा करनी होगी और जो भी पैसा उस दल को जिस किसी भी स्रोत से मिला है वह लेखाजोखा चुनाव आयोग में देना होगा, जिसमें दो हजार रुपये से ज्यादा की दान राशि नगद में लेने पर रोक है.


क्या चुनाव से बाहर रहेगी कांग्रेस?
याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी जब तक सभी राज्यों की अपनी यूनिटों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग में जमा नहीं करती, और जब तक कांग्रेस पार्टी की आयकर विभाग की सभी देनदारी निर्धारित नहीं हो जाती है, तब तक कांग्रेस को चुनाव से बाहर रखा जाए. याचिका में कहा गया है कि यह हर नागरिक का अधिकार है कि उसे पता हो कि किस राजनैतिक दल का क्या लेखाजोखा है, किस राजनैतिक दल को किससे कितना डोनेशन मिला है.


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