कांग्रेस महाधिवेशन: सख्त लहजे में मोदी सरकार पर बरसे मनमोहन सिंह, किसानों की आय `दोगुनी` करने के दावे को बताया `जुमला`
पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए पूर्व पीएम ने कहा, `प्रचार में मोदी जी ने बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन एक भी पूरा नहीं किया.`
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था, आतंकवाद, रक्षा और विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से दो करोड़ नौकरियों का वादा किया, लेकिन दो लाख लोगों को भी नौकरी नहीं मिली. कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया. नोटबंदी और सही ढंग से जीएसटी को लागू नहीं किए जाने के कारण बहुत से लोगों को नौकरियां चली गईं औैर कारोबार को नुकसान पहुंचा.
किसानों की आय दोगुनी करने की बात 'जुमला'
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छह साल में किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही. इसके लिए देश की विकास दर कम से कम 12 फीसदी होनी चाहिए जो कि अकल्पनीय है. ऐसे में उनकी यह घोषणा भी 'जुमला टाइप' वादा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और वहां स्थति खराब होती जा रही है. मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को सही ढंग से नहीं संभाल पाई है.
मोदी सरकार का रक्षा खर्च बहुत कम
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद में मदद करता है जो अस्वीकार्य है. यह उसे समझना होगा कि ऐसा करना उसके अपने हित में नहीं है. शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व से ही प्रगति की जा सकती है. सिंह ने कहा कि भाजपा रक्षा को लेकर भी बड़ी बड़ी बातें करती हैं, लेकिन रक्षा खर्च बहुत कम है. इस मामले में भी उसने खोखले वादे किये हैं. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस महाधिवेशन में कहा कि रक्षा खर्च के लिए जीडीपी का करीब 1.6 फीसद अपर्याप्त है.
कांग्रेस महाधिवेशन: मोदी पर 'व्यक्ति केन्द्रित विदेश नीति' को आगे बढ़ाने का आरोप
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 'व्यक्ति केन्द्रित विदेश नीति' पर अमल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार बड़े देशों के साथ भारत के संबंधों को संभाल नहीं पाई है और इसमें दृष्टि तथा दिशा का अभाव है. पार्टी ने आरोप लगाया कि मोदी की विदेश नीति को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है. कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन में विदेश नीति पर पेश प्रस्ताव में पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और नरसिंह राव के कार्यकाल की विदेश नीति की जहां जमकर तारीफ की गयीं, वहीं वर्तमान मोदी सरकार की विदेश नीति को लेकर उनपर जमकर निशाना साधा गया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की ओर से पेश प्रस्ताव में कहा गया, 'विदेश नीति सदा मजबूत राष्ट्रीय सहमति के साथ तालमेल बैठा कर चलती रही है. दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा सरकार ने इसे बाधित कर दिया और गलत सलाह पर आधारित उसके कदमों ने राष्ट्रीय सहमति को भंग किया है." कांग्रेस ने आरोप लगाया, "सरकार बड़े देशों के साथ के संबंधो को सही ढंग से नहीं संभाल पाई है. उसकी विदेश नीति को लेकर भ्रम की स्थिति है और इसमें दृष्टि और दिशा का अभाव है.' प्रस्ताव में दावा किया गया है, 'प्रधानमंत्री ने व्यक्ति केन्द्रित विदेश नीति को आगे बढ़ाया है.' प्रस्ताव पेश करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि विदेश नीति 'इवेंट मैनजमेंट और फोटो ऑपर्चुनिटी' नहीं हो सकती. इसके लिए गम्भीरता की जरूरत होती है.
(इनपुट एजेंसी से भी)