कांग्रेस ने गुरुवार को कन्हैया कुमार को नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) का प्रभारी नियुक्त किया. पार्टी के मुताबिक, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कन्हैया कुमार को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) का एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया है." साल 2021 में, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कन्हैया कुमार के नाम की चर्चा राहुल गांधी के बेहद करीबी नेताओं में होता रहा है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी वो कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ मुखर नेताओं में भी वो सबसे आगे नजर आते रहे हैं. राहुल गांधी से उनके तालमेल को देखते हुए ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जा सकता है. इस बात की चर्चा भी तेज थी.


यही नहीं, बिहार में उनकी पकड़ और वहां से होने की वजह से इस बात की भी अटकलें थीं कि उन्हें बिहार कांग्रेस का प्रमुख बनाया जा सकता है. हालांकि, दोनों ही बातें अटकलों तक ही रह गईं और उन्हें पार्टी के छात्र विंग का प्रभारी बना दिया गया.


पार्टी में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा था, 'मैं कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं क्योंकि यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक विचार है. यह देश की सबसे पुरानी और सबसे लोकतांत्रिक पार्टी है, और मैं लोकतांत्रिक पर जोर दे रहा हूं... सिर्फ मैं ही नहीं, कई लोग सोचते हैं कि देश कांग्रेस के बिना जीवित नहीं रह सकता.'


9 अप्रैल 1971 को अस्तित्व में आई एनएसयूआई कांग्रेस की छात्र विंग है. इस संगठन की स्थापना इंदिरा गांधी ने केरल छात्र संघ और पश्चिम बंगाल राज्य छात्र परिषद का विलय करके एक राष्ट्रीय छात्र संगठन बनाने के बाद की थी. इसके अध्यक्ष नीरज कुंदन हैं.


कौन हैं कन्हैया कुमार?
- 1987 में जन्में कन्हैया कुमार की छात्र राजनीति की शुरुआत 2007 में पटना कॉलेज ऑफ कॉमर्स में हुई.
- सितंबर 2015 में, वो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के अध्यक्ष रहे और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के नेता के रूप में कार्य किया.
- 2021 में कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए.
- कन्हैया अक्सर जिग्नेश मेवाणी और हार्दिक पटेल सहित अन्य युवा नेताओं के साथ कई राजनीतिक रैलियों में मंच साझा करते रहे हैं. वह पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अपनी तीखी आलोचना के लिए जाने जाते हैं.
- फरवरी 2016 में  जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी और 2001 संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्‍ट्रविरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि, पुलिस उनके खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर सकी और उन्हें जमानत मिल गई.