नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पाक सेना प्रमुख से गले मिलने के मामले में कांग्रेस पार्टी ने उनसे दूरी बना ली है, लेकिन साथ ही केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा है. कांग्रेस के प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने सोमवार को कहा कि सिद्धू वहां कांग्रेस के प्रतिनिधि के तौर पर नहीं बल्कि एक दोस्त के रूप में गए थे.


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उन्होंने कहा, 'नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान पंजाब के मंत्री के तौर पर या कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर नहीं गए थे. वो वहां एक दोस्त के रूप में गए थे. उन्हें जो सफाई देनी थी, वो दे चुके हैं और सरकार को जो कहना था, वो कैप्टन अमरिंदर सिंह कह चुके हैं.'


पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के पाक सेना प्रमुख से गले मिलने को गलत ठहराया था. उन्होंने कहा कि हर रोज हमारे जवान शहीद हो रहे हैं. जिसके आदेश पर ये सब हो रहा है, उसे गले लगाने से पहले उन्हें (सिद्धू को) सोचना चाहिए था. दूसरी ओर सिद्धू का कहना है कि वो दोस्ती का पैगाम लेकर गए थे.


केंद्र सरकार पर सवाल
केंद्र सरकार की कश्मीर और पाकिस्तान नीति पर सवाल उठाते हुए जयवीर शेरगिल ने कहा कि सरकार की नीति 'जलेबी जैसी' है. उन्होंने कहा कि आज तक ये स्पष्ट नहीं है कि सरकार की पाक नीति है क्या. शेरगिल ने कहा, 'जब पाकिस्तान की बात आती है तो सभी दलों और देशवासियों को एक आवाज में बोलना चाहिए. लेकिन दिक्कत यह है कि इस सरकार की पाकिस्तान नीति जलेबी की तरह है.'


उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि पाकिस्तान को लेकर उनकी नीति क्या है. एक बार वह सबक सिखाने की बात करते हैं, फिर बिना बुलाए शादी में पाकिस्तान चले जाते हैं और आईएसआई के लोगों को यहां बुला लेते हैं.'