नई दिल्ली: धर्मांतरण अब भारत में धंधा हो गया है. जिस तरह मल्टी लेवल मार्केटिंग प्लान में एक शख्स अपने नीचे के शख्स को जोड़ता जाता है और बिजनेस बढ़ने के साथ टॉप वाले को रॉयल्टी मिलती जाती है, भारत में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है.


रैकेट का रिंग मास्टर कौन? 


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देश में भोला, मन्नू, इरफ़ान जैसे मूक बधिर धर्मांतरण रैकेट (Religious Conversion in India) के सबसे निचले पायदान के लोग हैं जबकि इस रैकेट के रिंग मास्टर्स उमर गौतम (Umar Gautam) से लेकर मलेशिया में छिपा बैठा ज़ाकिर नाइक (Zakir Naik) तक है. धर्मांतरण (Religious Conversion) के इस धंधे में पैसे के खेल और धर्म बदलते ही दूसरों को धर्म बदलने के लिए ब्रेन वॉश करने की पूरी कहानी आपको समझाते हैं.


भारत के ख़िलाफ़ चल रहे धर्मांतरण के 'ज़हरीले जेहाद' की साजिश में जो सबसे बड़ा नाम उभर कर सामने आ रहा है वो है जाकिर नाइक का. यह वही जाकिर नाइक है जिसे राहुल गांधी के राजनीतिक गुरु दिग्विजय सिंह शांतिदूत मानते
हैं. उसके आतंक के प्रचारक का खुलासा हो चुका है. तभी से भगोड़ा जाकिर मलेशिया में छिपा है और अब 'धर्मांतरण जेहाद' में भी जाकिर नाइक बड़ा चेहरा बनकर सामने आ रहा है.


जाकिर नाइक है मास्टरमाइंड


जाकिर नाइक आतंकवाद का प्रचारक भी है, धर्मांतरण का मास्टरमाइंड भी है. वो आतंकियों की मदद भी करता है और धर्मांतरण जेहादियों की मदद भी करता है. वो आतंकवाद के लिए भी फंड जुटाता है और धर्मांतरण जेहाद के लिए भी फंडिंग का इंतजाम करता है. वो आतंकवाद के लिए युवाओं का ब्रेनवॉश करता है और धर्मांतरण जेहाद के लिए भी उसके वीडियो इस्तेमाल किए जाते हैं. 


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धर्मांतरण जेहाद की जांच में खुलासा हुआ कि अब ज़हरीला जाकिर विदेश से भारत में धर्मांतरण जेहाद का गिरोह चला रहा है. उमर गौतम वाले रैकेट में यूपी एटीएस ने जो खुलासा किया है वो बताता है कि कैसे इस रैकेट में देश से लेकर विदेशों तक से फंडिंग हो रही है. ये ज़ाकिर नाइक वाला कनेक्शन तो और ख़तरनाक है. पता चला है कि नया नया मुसलमान बनने वालों को ज़ाक़िर नाइक का ही वीडियो शेयर किया जाता था और तो और ज़ाकिर के कनेक्शन वाले संस्थानों से उमर गौतम को फंडिंग भी होती रही है.


देश-विदेश से जुड़े हैं तार


यूपी एटीएस ने धर्मांतरण रैकेट के रिंग मास्टर उमर गौतम को पकड़ा तो शायद ही किसी को अंदाज़ा था कि इस धर्मांतरण जेहादी रैकेट के तार दिल्ली, ग़ाज़ियाबाद, कानपुर, फ़तेहपुर जैसे यूपी के 32 ज़िलों से लेकर हरियाणा, महाराष्ट्र, केरल और आंध्र प्रदेश तक फैले हुए हैं. इतना ही नहीं धर्मांतरण की फसादी फंडिंग दोहा, अबुधाबी, रियाद और बांग्लादेश से लेकर मलेशिया तक फैले होंगे.


अब उमर गौतम की करतूतों की जैसे-जैसे पोल खुल रहे हैं, एक से एक चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. यूपी एटीएस ने धर्मांतरण मामले में अब तक 5 आरोपियों की गिरफ़्तारी से खुलासा हुआ है कि कन्वर्ज़न के इस रैकेट में सारे कन्वर्टी भी शामिल थे. धर्मांतरण की ये चेन मार्केटिंग ऐसी थी कि उमर गौतम और क़ाज़ी जहांगीर जिन मूक बधिरों छात्रों का धर्मांतरण कराते थे वो सारे फिर मिलकर नये शिकार की तलाश में जुट जाते थे.


ऐसे चलता था धंधा


सूत्रों के हवाले से खुलासा ये हो रहा है कि यूपी एटीएस ने दिल्ली से जिस राहुल भोला की गिरफ़्तारी की है उसने 7 मूक बधिरों का धर्मांतरण कराने की बात क़बूली है. इतना ही नहीं, पता चला है कि उमर गौतम के रैकेट में शामिल मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान ने भी 6 मूक बधिरों का धर्मांतरण कराया है. यहां तक कि कानपुर के जिस आदित्य नाम के लड़के का धर्मांतरण भी राहुल भोला ने ही कराया था.


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यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक ये भी पता चला है कि उमर गौतम मूकबधिर छात्रों का धर्म बदलने के बाद उनकी एक नई टीम बना देता था जो दूसरे लड़कों के धर्मांतरण जेहाद में जुट जाते थे. 


अब उठी कानून की मांग


धर्मांतरण रैकेट से जुड़े दो मौलाना एटीएस की गिरफ्त में हैं. मौलाना उमर गौतम और मौलाना जहांगीर पर एक हज़ार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कराने का आरोप है. इनमें ज्यादातर लोग या तो मूक-बधिर हैं या फिर बहुत गरीब परिवार से हैं. इस धर्मांतरण रैकेट में 100 से ज्यादा लोग हैं.


भारत में जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए कुछ राज्यों में कानून बनाये गए हैं. कानून के तहत कार्रवाई भी होती है. लेकिन जम्मू कश्मीर जैसे कई प्रदेश अभी ऐसे हैं जहां धर्मांतरण विरोधी कानून नहीं है. श्रीनगर में सिख लड़कियों को कथित तौर पर बंदूक़ की नोक पर अग़वा करके जबरन मुसलमान बनाने की जब ख़बरें सामने आने लगीं तो सिख प्रतिनिधि दल ने जम्मू कश्मीर में भी धर्मांतरण विरोधी कानून बनाने की मांग की है.