DNA ANALYSIS: धर्मांतरण कराने वाले गैंग की बड़ी साजिश, इन 7 सीक्रेट कोड के जरिए बदल रहे धर्म
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DNA ANALYSIS: धर्मांतरण कराने वाले गैंग की बड़ी साजिश, इन 7 सीक्रेट कोड के जरिए बदल रहे धर्म

आज हम धर्म परिवर्तन का सीक्रेट कोड आपके लिए डिकोड करेंगे और आपको ये भी बताएंगे कि भारत में एक हिन्दू को मुसलमान बनाने के कितने पैसे मिलते हैं? सबसे पहले आपको धर्म परिवर्तन के सात सीक्रेट कोड के बारे में बताते हैं.

DNA ANALYSIS: धर्मांतरण कराने वाले गैंग की बड़ी साजिश, इन 7 सीक्रेट कोड के जरिए बदल रहे धर्म

नई दिल्ली: आज हम Zee News की उस खबर के बारे में बात करेंगे, जो हमारे देश के कुछ मुट्ठीभर लिबरल्स और बुद्धीजीवियों को बहुत बुरी लगी. ऐसे लोग जो अपने आपको अभिव्यक्ति की आजादी का चैम्पियन बताते हैं, उन्हें धर्मांतरण पर हमारी एक खबर पसंद नहीं आई.

हमने धर्म जेहाद पर पिछले हफ्ते पूरी सीरीज चलाई थी और ये सीरीज इन लोगों को इतनी बुरी लगी कि टुकड़े टुकड़े गैंग ने सोशल मीडया पर Zee News को ट्रोल करना शुरू कर दिया. लेकिन आज हम इन्हें ये बताना चाहते हैं कि देश के करोड़ों लोग दिल से हमारे साथ हैं और आज इस सीरीज के चौथे एडिशन में आज हम धर्म परिवर्तन का सीक्रेट कोड आपके लिए डिकोड करेंगे और आपको ये भी बताएंगे कि भारत में एक हिन्दू को मुसलमान बनाने के कितने पैसे मिलते हैं? सबसे पहले आपको धर्म परिवर्तन के सात सीक्रेट कोड के बारे में बताते हैं.

धर्म परिवर्तन के सात सीक्रेट कोड

इनमें पहला कोड है अल्लाह के बन्दे. ये कोड वर्ड उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता था, जो मूक बधिर लोगों के लिए साइन लैंग्वेज में बने वीडियोज को सोशल मीडिया पर लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करते थे. 

इससे धर्म परिवर्तन कराने वाली इस गैंग को ये पता चल जाता था कि किन लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा सकता है. उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया है कि कानपुर में आदित्य गुप्ता नाम के जिस मूक बधिर लड़के का इस्लाम धर्म में परिवर्तन किया गया, उससे भी इसी तरह से सम्पर्क किया गया था.

दूसरा कोड वर्ड है रहमत. इसका मतलब था कि धर्म परिवर्तन के लिए भेजा गया पैसा इन लोगों को मिल गया है.

तीसरा कोड वर्ड है मुतक्की. इसका मतलब ऐसे व्यक्ति से होता था, जो हक और सच की तलाश में लगा है. पुलिस का कहना है कि मूक बधिर छात्रों को ये कोड वर्ड भेज कर उनमें ये भावना पैदा की जाती थी कि केवल इस्लाम धर्म में ही ऐसा व्यक्ति मिल सकता है, जो धर्म और सच की तलाश में है और इस्लाम धर्म ही सत्य है और बाकी धर्मों का कोई अस्तित्व नहीं है.

चौथा कोड वर्ड है सलात. इसका मतलब नमाज़ पढ़ने से है. ये कोड वर्ड उन मूक बधिर छात्रों से संवाद में इस्तेमाल होता था, जो धर्म परिवर्तन करने के लिए तैयार हैं. ऐसे में उन्हें बार बार सलात कह कर ये याद दिलाया जाता था कि उन्हें नमाज़ पढ़ने का सख़्त नियम बनाना होगा और ऐसा नहीं करने पर इसे पाप माना जाएगा.

पुलिस का कहना है कि इस गैंग को नमाज़ शब्द के ज्यादा इस्तेमाल से फंसने का डर था, जिसकी वजह से सलात शब्द का प्रयोग कोड वर्ड के रूप में किया गया.

पांचवां कोड वर्ड है, Revert Back To Islam Program. ये शब्द धर्म परिवर्तन की जगह इस्तेमाल होते थे. यानी जब ये कहना होता था कि किसी व्यक्ति का धर्म परिवर्तन कराना है, तो मेसेज में Revert Back To Islam Program लिख दिया जाता था.

और छठा कोड वर्ड है कौम का कलंक. पुलिस अब तक इस कोड वर्ड को डिकोड नहीं कर पाई है, लेकिन पता चला है कि जिन लोगों को हिन्दू से इस्लाम धर्म में परिवर्तन करने के लिए कहा जाता था, उनके साथ बातचीत में बार बार कौम का कलंक शब्द प्रयोग होता था.

इन कोड वर्ड्स से आप समझ सकते हैं कि इन लोगों ने धर्म परिवर्तन के लिए अपनी अलग भाषा विकसित कर ली थी ताकि धर्म परिवर्तन का ये कच्चा चिट्ठा कभी किसी के सामने नहीं आए.

सोचिए ये लोग कितने खतरनाक हैं और ये लोग कहीं और से नहीं आए हैं. ये लोग इसी देश के नागरिक हैं और इसी देश में रहकर हिन्दुओं का धर्म बदला रहे थे और हमें लगता है कि भारत, पाकिस्तान और चीन में छिप कर बैठे अपने दुश्मनों से तो फिर भी मुकाबला कर सकता है, लेकिन उसके लिए बड़ी चुनौती ये लोग हैं.

और सातवां सीक्रेट कोड है लोगों को उनकी जन्म तिथि से बुलाना.

इन कोड वर्ड्स से आप समझ सकते हैं कि इन लोगों ने धर्म परिवर्तन के लिए अपनी अलग भाषा विकसित कर ली थी ताकि धर्म परिवर्तन का ये कच्चा चिट्ठा कभी किसी के सामने नहीं आए. सोचिए ये लोग कितने खतरनाक हैं और ये लोग कहीं और से नहीं आए हैं. ये लोग इसी देश के नागरिक हैं और इसी देश में रहकर हिंदुओं का धर्म बदल रहे थे.

हमें लगता है कि पाकिस्तान और चीन में छिपकर बैठे अपने दुश्मनों से तो फिर भी मुकाबला किया जा सकता है, लेकिन भारत के लिए उससे बड़ी चुनौती ये लोग हैं.

ये धर्म परिवर्तन का रैकेट दिल्ली के जामिया नगर से चलाया जा रहा है, जो शाहीन बाग से सिर्फ साढ़े 650 मीटर की दूरी पर है और अब पता चला है कि जिन लोगों का धर्म परिवर्तन किया गया, उनमें कई लोग शाहीन बाग और जामिया नगर में रह चुके थे. इन सब लोगों की मदद इस्लामिक दवाह सेंटर नाम की संस्था कर रही थी, जिसका हेड मास्टर वही उमर गौतम है, जो पहले खुद हिन्दू था.

पुलिस को पता चला है कि इस्लामिक दवाह सेंटर के बैंक खातों में 1 करोड़ 82 लाख लाख 84 हज़ार रुपये जमा हुए थे, जिनमें से 50 लाख की रकम उसे सऊदी अरब, कतर, यूएई जैसे देशों से मिली.

इस मामले में आज उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया और बताया कि ये गैंग बड़े पैमाने पर भारत में धर्म परिवर्तन का काम कर रहा था.

धर्म परिवर्तन की कहानियां

 

धर्म परिवर्तन के जिस मामले में यूपी एटीएस सख्त कार्रवाई कर रही है. उसमें उसने तीन गिरफ्तारियां की हैं. इन गिरफ्तारियों में एक नाम राहुल भोला का भी है. राहुल भोला को अब लोग अहमद राहुल भोला के नाम से जानते हैं. मूक बधिर अहमद ने पहले खुद का धर्म परिवर्तन किया. फिर उसके बाद धर्मांतरण करवाने वाले गैंग में शामिल हो गया. राहुल भोला की मां का आरोप है कि उसका ब्रेन वॉश किया गया है.

एक गिरोह बनाकर किए जा रहे धर्मांतरण का खुलासा हुआ तो अब कई ऐसा मामले सामने आ रहे हैं जिसमें धर्म परिवर्तन के अलग अलग कारण हैं. जैसे यूपी के फिरोजाबाद में पुलिस की गिरफ्त में आए तीन लोगों पर एक नाबालिग का धर्म परिवर्तन करने का आरोप है. ये लोग गुजरात के भरूच की रहने वाली नाबालिग को झाड़ फूंक के बहाने पिता के पास से यहां ले आए फिर धर्म परिवर्तन करवाकर निकाह कर लिया.

ऐसा ही एक मामला बाराबंकी में भी देखने को मिला. यहां पर एक मुस्लिम युवक अपनी पहचान छिपाकर लड़की के परिवार के खेतों में काम करने लगा. फिर लड़की को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया. युवक पहले से ही शादीशुदा था, लेकिन उसने लड़की का धर्म बदलवाकर उससे भी शादी कर ली. लड़की के परिवार वाले इसे लव जेहाद का मामला मान रहे हैं.

मुजफ्फरनगर के खतौली से भी एक मामला ऐसा आया है जिसमें आरोप है कि उस्मान नाम के शख्स ने एक हिंदू युवती से शादी का वादा करके उसका शोषण किया. शादी करने का दबाव बढ़ा तो उस्मान ने युवती का धर्मांतरण करवाकर उससे निकाह कर लिया. सिर्फ यही नहीं उस्मान ने युवती से 5 लाख रुपये भी ले लिए और फिर दूसरी जगह निकाह कर लिया.

फतेहपुर में एक युवक विजय ने अपने मुस्लिम दोस्त के प्रभाव में आकर पहले खुद का धर्म बदल लिया. फिर अपनी पत्नी और परिवार पर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगा. जबरन धर्मांतरण  के नाम पर वो परिवार से मारपीट भी करने लगा. आरोप है कि उस मुस्लिम दोस्त ने विजय को नौकरी का लालच देकर धर्म बदलवाया था.

पीलीभीत में धर्म परिवर्तन करवाए जाने का जो मामला सामने आया है. इस मामले में रज्जू हसन नाम के युवक ने युवती को दुबई ले जाने और अच्छी जिंदगी देने का लालच दिया गया था. सिर्फ यही नहीं रज्जू हसन ने लड़की को बहला फुसलाकर उसके घर से 40 तोला सोना, ढाई किलो चांदी और लगभग 2 लाख रुपये भी ले लिए. युवती की मां ने पैसे गायब होने पर जब दबाव बनाया तब उसे पता चला कि युवती का धर्म परिवर्तन हो चुका है.

कहीं नाबालिग युवती का धोखे से धर्मांतरण किया गया, तो कहीं धर्म छिपाकर प्रेम संबंधों की दुहाई देकर धर्म बदल दिया गया. लालच देकर भी धर्म परिवर्तन करवाने का जाल बिछाया गया. इन सभी मामलों ने धर्म परिवर्तन के लिए चलाई जा रही साजिश की कई परतें खोली हैं. ये मामले भले ही किसी संगठित अपराध से न जुड़े हों, लेकिन धर्म परिवर्तन की संगठित मानसिकता से जुड़े हुए हैं.

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