नई दिल्ली: कोरोना (Corona) के खिलाफ लड़ाई में बड़ी बढ़त मिल सकती है. देश में 12 साल और उससे ऊपर के बच्चों को भी अब जल्द कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा सकेगी. अक्टूबर के पहले हफ्ते से इस एज ग्रुप के बच्चों को वैक्सीन लगाए जाने की योजना है. सबसे पहले उन बच्चों को वैक्सीन (Corona Vaccine) दी जायेगी जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. देश में 12 साल से 17 साल की उम्र के लगभग 12 करोड़ बच्चें हैं. कोविड वर्किंग ग्रुप ने कहा है कि बच्चों के मानसिक और शारिरिक विकास के लिए स्कूल खोल देने चाहिए. इसी जरूरत के तहत बच्चों को जल्द वैक्सीनेट करने की तैयारी है.


टीकाकरण की तैयारी अंतिम चरण में 


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कोरोना को लेकर बने कोविड-19 ग्रुप ने Zee news को जानकारी दी है कि देश में बच्चों के टीकाकरण की तैयारी अंतिम चरण में है. 12 साल और ऊपर के बच्चों के लिए कोरोना की वैक्सीन की डीसीजीआई की तरफ से अनुमति पहले ही मिल गई है. जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोव-डी इस साल अक्टूबर के पहले हफ्ते से बच्चों को देने की योजना है. केंद्र सरकार की बनी कोविड वर्किंग ग्रुप कमेटी के चेयरमैन डा एन के अरोरा के मुताबिक कंपनी ने कहा है कि ये जायकोव डी अक्टूबर के पहले हफ्ते से वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल होगी.


सभी बच्चों को अक्टूबर में टीका नहीं


 सरकार की योजना के मुताबिक टीका 12 साल या उससे ऊपर के सभी बच्चों को अक्टूबर से नहीं दिया जायेगा बल्कि गंभीर बीमार बच्चों को टीका देने में प्राथमिकता दी जाएगी. गंभीर बीमार की श्रेणी में कौन सी बीमारी शामिल होंगी इसके लिए जल्द नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन की बैठक होगी जिसमें लिस्ट तैयार की जाएगी. यानी सब कुछ अक्टूबर के पहले सामने आ जाएगा. देश में अभी वयस्कों को लगभग 60 करोड़ के लगभग कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी हैं.


घर वालों का टीकाकरण भी बच्चों का 'सुरक्षा कवच'


कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डा एन के अरोरा के मुताबिक स्कूल खोलने के लिए बच्चों को टीकाकरण की जरुरत नहीं है. जरुरत ये है कि जिन घरों में बच्चे हैं वहां सभी माता-पिता और घर के दूसरे वयस्कों को टीका लगवा लेना चाहिए और साथ ही साथ स्कूल में टीचर और बाकी स्टाफ को दे देना चाहिए. इस तरीके से बच्चा एक सुरक्षित आवरण में रहता है. बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए एक्सपर्ट्स स्कूल खोलने की सलाह दे रहे हैं.


बच्चों को ज्यादा समस्या नहीं


एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना की पहली और दूसरी लहर के जो भी वैज्ञानिक साक्ष्य हैं उसमें पाया गया है कि बच्चों में कोरोना से संबंधित गंभीर समस्या नहीं होती है. कोरोना का संक्रमण माइल्ड या बिना लक्षण का होता है. अस्पताल दाखिल होने या फिर डेथ की संभावना ना के बराबर होती है लेकिन बच्चों में संक्रमण बड़ों जैसा ही होता है वो गंभीर तो नहीं होंगे लेकिन दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं.


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टीचर्स डे से पहले सभी शिक्षकों का टीकाकरण


दूसरी तरफ सरकार ने स्कूलों के शिक्षकों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराए जाने का फैसला लिया है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने स्कूलों के शिक्षकों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का आभार जाताया है. सरकार ने फैसला लिया है, आगामी शिक्षक दिवस, 5 सितंबर से पहले सभी स्कूलों के शिक्षकों को टीकाकरण में प्राथमिकता देने के लिए हर महीने राज्यों को मिलने वाले टीकों के अलावा अतिरिक्त 2 करोड़ टीके उपलब्ध कराए जाएंगे.


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