Corona Virus Vaccine: भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. मामले एक दिन में 10 हजार से ऊपर पहुंच गए हैं. इससे परेशान सरकार ने भी यह समझने की कोशिश की है कि आखिर यह मामले क्यों बढ़ रहे हैं?  सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट कर लिया है.


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लैब जांच में यह पता चला है कि भारत में फैले 80-90% मामलों के पीछे कोरोना का वेरिएंट XBB. 1.16 है. लैब जांच में यह भी पता चला है कि यह वेरिएंट तेजी से फैल रहा है. हालांकि मरीजों के अस्पताल पहुंचने की नौबत नहीं आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, अगले 10-12 दिन मामले थोड़े बढ़ सकते हैं. लेकिन उसके बाद कोरोनावायरस की रफ्तार कम होने लगेगी. इस बीच बड़ा सवाल ये है कि 3 साल पहले आए कोरोना ने कई बार शक्ल बदली है.जबकि वैक्सीन वही दो साल पुरानी है. ऐसे में क्या वैक्सीन भी नई नहीं होनी चाहिए.


तेजी से बढ़ रहे मामले


भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं. केरल के बाद दिल्ली और एनसीआर में सबसे ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं. ऐसे में रोजाना बुखार के लिए दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. मास्क सब जगह अनिवार्य ना होने की वजह से प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बुखार के सभी मरीज एक साथ बैठे हैं. चाहे किसी को बाद में कोरोनावायरस  निकले या साधारण वायरल बुखार. 


ग्रेटर नोएडा में बने सरकारी अस्पताल गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस की ओपीडी में लगे बोर्ड पर लिखा है- हम आपके स्वस्थ रहने की कामना करते हैं लेकिन हर कमरे के बाहर लगी कतार यह बता रही है कि यह दुआ पूरी नहीं हो रही. डॉक्टरों का भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 मामलों की वजह से ओपीडी में भीड़ बढ़ती चली जा रही है 


मामलों में 20 प्रतिशत इजाफा


इस अस्पताल में पिछले 1 महीने में ही कोविड-19 चीजों की संख्या में 20% का इजाफा देखा गया है. हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि राहत की बात यह है कि एक भी मरीज को भर्ती करने की नौबत नहीं आई है. लेकिन अब जिस तेजी से गौतमबुद्ध नगर में मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए भर्ती करने लायक मरीजों के लिए भी फिर से बेड की व्यवस्था की जा रही है. 


इस बीच भारत में एक और वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकती है. यह है Covovax वैक्सीन जो अमेरिका और यूरोप में भी बूस्टर के तौर पर लगाई जा रही है. अदार पूनावाला का दावा है कि यह वैक्सीन सब-वेरिएंट के खिलाफ असरदार है. हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब वैक्सीन के बारे में नए सिरे से सोचने की जरूरत है. ऐसी वैक्सीन पर ज्यादा रिसर्च होनी चाहिए, जिसे वायरस में हो रहे म्यूटेशन यानी बदलाव के हिसाब से बदला जा सके. MRNA तकनीक से बनी वैक्सीन ऐसे ही काम करती है. 


कोरोना ने पकड़ी रफ्तार 


बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना की वजह से 16 मौतें हो गई हैं. इनमें से दो केवल दिल्ली में हुई है. उत्तर प्रदेश में भी सबसे बुरा हाल गौतमबुद्ध नगर जिले का है. दिल्ली-एनसीआर में संक्रमण की दर 26% को पार कर गई है. यानी हर 100 में से 26 लोगों को कोरोना का खतरा बताया जा रहा है. 


सरकार ने कोरोनावायरस से तैयारियों के लिए जो मॉक ड्रिल की उसमें 35 राज्यों के 749 जिलों ने हिस्सा लिया. कुल 36000 से ज्यादा हेल्थ केयर सेंटर में मॉक ड्रिल करके व्यवस्थाएं चेक की गईं. वेंटिलेटर, बेड, डॉक्टर के साथ-साथ यह भी चेक किया गया कि देश में कितनी गोलियां पैरासिटामोल की मौजूद हैं. देश में इस वक्त 66 करोड़ 84 लाख पैरासिटामोल की गोलियां मौजूद है.  देश में दो करोड़ 80 लाख से ज्यादा मास्क तैयार हैं.  


इसी तरह देश में ढाई लाख एलोपैथी डॉक्टर और 40000 आयुष डॉक्टर मौजूद हैं. सरकार का दावा है कि कोरोना की कोई भी लहर अब व्यवस्थाओं पर भारी नहीं पड़ेगी. लेकिन कोरोनावायरस अब आता जाता रहेगा और कोरोना के हर बदलते स्वरूप पर नजर रखना जरूरी है.  


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