बर्लिन: क्या भारत में लोगों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो रही है. जर्मनी के एक इंस्टिटयूट की ओर से हाल में की गई स्टडी से तो कम से कम ऐसा ही संकेत मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक विविधता वाले देश में कम संख्या में भी लोगों के संक्रमित होने के बाद लोगों में हर्ड इम्युनिटी पैदा हो सकती है. 


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जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टिटयूट (Max Planck Institute) की ओर से शोध में एक अलग तरीके से रिसर्च कर  हर्ड इम्युनिटी (Herd Immunity) का पता लगाया गया है. इंस्टिटयूट के मुताबिक कम संख्या में लोगों के संक्रमित होने पर भी कोरोना वायरस (Coronavirus)  से लोगों में हर्ड इमयुनिटी विकसित हो सकती है. 


प्रोफेसर फ्रैंक यूलीचर के नेतृत्व में हुआ शोध
शोधकर्ताओं का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर फ्रैंक यूलीचर के मुताबिक कोरोना महामारी के बारे में माना जा रहा है कि बड़ी आबादी के संक्रमित होने पर लोगों में अपने आप इस वायरस के प्रति हर्ड इम्युनिटी विकसित हो जाएगी. यह आकलन इस मान्यता पर आधारित पर रहा है कि आबादी में रह रहे सभी लोग एक समान होते हैं, जबकि असल में ऐसा नहीं होता. 


स्वस्थ माहौल के बावजूद लोग हो रहे संक्रमित
उदाहरण के लिए अच्छे स्वस्थ माहौल में रहने के बावजूद काफी लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं. जबकि खराब साफ सफाई वाले माहौल में रहने के बावजूद काफी सारे लोग अब तक इस वायरस से अछूते हैं. स्टडी के मुताबिक किसी भी स्थान की आबादी में लोगों में रहन-सहन, शिक्षा, नस्ल, रोग प्रतिरोधक क्षमता, जागरूकता और आर्थिक स्तर समेत कई विविधताए होती हैं. जिसका फायदा उन्हें कोरोना से लड़ने में मिल रहा है. 


संक्रमित व्यक्ति ज्यादा संवेदनशील होता है
शोध में पता चला है कि जब व्यक्ति किसी अन्य शख्स से संक्रमित हो जाता है तो वह ज्यादा संवेदनशील हो जाता है. ऐसे में आबादी का यह संक्रमित हिस्सा या तो जल्द ही प्रतिरक्षा तंत्र बना लेता है या फिर मर जाता है. वहीं असंक्रमित आबादी में वायरस की औसत संवेदनशीलता कम होती जाती है. जिससे महामारी की संक्रमण दर धीमी हो जाती है. संक्रमण की दर में गिरावट का कारण स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ओर से किए गए रोकथाम के उपाय ही नहीं होते बल्कि लोगों में बन चुकी हर्ड इम्युनिटी भी इसके लिए जिम्मेदार है. 


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भारत के लिए उम्मीद जगा रही है रिपोर्ट
प्रोफेसर फ्रैंक यूलीचर यह स्टडी रिपोर्ट भारत के महत्वपूर्ण मानी जा रही है. भारत भी विविधताओं से भरा देश है, जहां पर दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी निवास करती है. संक्रमितों की संख्या 90 लाख से ज्यादा होने के बावजूद यहां पर संक्रमण दर और मृत्यु दर दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है.  माना जा रहा है कि इसका कारण लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित होना है. हालांकि अब तक इसका कोई स्पष्ट प्रमाण सामने नहीं आ सका है. 


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