Covid-19: पुराने वैरिएंट को टेकओवर कर रहा कोरोना का B.1.617.2 रूप, जानें कितना है इससे खतरा
कोविड-19 के नए वैरिएंट B.1.617.2 (Covid-19 New Variant) को लेकर किए गए एक रिसर्च ने एक्सपर्ट्स की चिंचा बढ़ा दी है, क्योंकि अन्य वैरिएंट को B.1.617.2 टेकओवर कर रहा है.
नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) पर धीरे-धीरे ब्रेक लगने लगा है और लगातार नए मामलों में कमी आ रही है. हालांकि इस बीच कोविड-19 के नए वैरिएंट B.1.617.2 (Covid-19 New Variant) को लेकर किए गए एक रिसर्च ने एक्सपर्ट्स की चिंचा बढ़ा दी है, क्योंकि अन्य वैरिएंट को B.1.617.2 टेकओवर कर रहा है.
यूके में मिले B.1.1.7 वैरिएंट को भी कर रहा टेकओवर
जीनोमिक सीक्वेंसिंग (Genome Sequencing) के विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि कोरोना वायरस का B.1.617.2 वैरिएंट यूके में पहली बार मिले वैरिएंट B.1.1.7 को भी टेक ओवर कर रहा है. इसके बाद भारत में पहली बार मिले B.1.617 के B1617.1, B1617.2, और B.617.3 वैरिएंट को यूके मॉनीटर कर रहा है.
ज्यादा संक्रामक है कोरोना का नया वैरिएंट
कोविड-19 के B 1.617.2 म्यूटेंट की सबसे पहले भारत में महाराष्ट्र के अंदर पहचान की गई थी. ब्रिटेन में इस म्यूटेंट को वायरस ऑफ कंसर्न की लिस्ट में रखा गया है. पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) ने कहा कि उसके ताजा विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि वायरस के इस बेहद संक्रामक स्वरूप से पिछले सप्ताह 520 लोग संक्रमित हुए थे. यह संख्या इस सप्ताह बढ़कर 1313 हो गई. ज्यादातर मामले उत्तर पश्चिम इंग्लैंड और लंदन में पाए गए हैं और संक्रमण की इस कड़ी को तेजी से तोड़ने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं.
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B.1.617.2 वैरिएंट से बचाव के लिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी
ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार भारत में मिले कोविड-19 के नए वैरियेंट B.1.617.2 के संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाना जरूरी है. विभाग के अनुसार, वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद B.1.617.2 वैरिएंट के संक्रमण से 33 प्रतिशत ही सुरक्षा मिलती है, लेकिन दोनों डोज लेने के बाद 81 प्रतिशत तक सुरक्षा मिलती है. ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग और उसकी कार्यकारी इकाई पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन कोविशील्ड और फाइजर-बायोनटेक की वैक्सीन को आधार बनाते हुए अपना अध्ययन किया है.
B.1.617 वैरियेंट को लेकर WHO भी जता चुका है चिंता
भारत में मिले कोरोना वायरस के B.1.617 वैरियेंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी अपनी चिंता जता चुका है. डब्ल्यूएचओ अभी इस पर और स्टडी कर रहा है और यह समझने की कोशिश कर रहा है कि दुनियाभर में दी जा रही वैक्सीन इस वैरिएंट पर कितना असर करेगी. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अगर वायरस का प्रसार रोक दिया जाए तो उसका म्यूटेशन भी रुक जाएगा.
(न्यूज एजेंसी- भाषा और एएनआई से इनपुट)
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