Maharashtra की जेलों में Corona से संक्रमित हुए कैदी और स्टाफ, मचा हड़कंप
Coronavirus: महाराष्ट्र की जेलों के ये आंकड़े इसलिए डरा रहे है क्योंकि जेलों में क्षमता से लगभग दोगुने से ज्यादा कैदियों को रखा गया है. आर्थर रोड जेल में 804 कैदियों की क्षमता है जबकि वहां 2,834 कैदी इस वक्त बंद हैं.
मुंबई: कोरोना (Coronavirus) के बढ़ते आंकड़ों ने सरकार के लिए पहले ही परेशानी खड़ी कर रखी है. अब मुंबई समेत महाराष्ट्र की तमाम जेलों (Maharashtra Jail) से कोरोना को लेकर आई रिपोर्ट ने इस परेशानी में इजाफा कर दिया है. महाराष्ट्र जेल प्रशासन की कोरोना की स्थिति को लेकर आई रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि महाराष्ट्र की जेलों में भी कोरोना बम फट चुका है.
महाराष्ट्र की जेलों में इतने कैदी संक्रमित
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, महाराष्ट्र में 19 अप्रैल तक 46 जेलों में 197 जेल कैदी कोविड-19 (Covid-19) से संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 7 कैदियों की मौत भी हो चुकी है. जबकि 94 से ज्यादा जेल कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. इनमें से 8 जेल स्टॉफ की कोरोना की वजह से मौत हो गई है.
पुणे, मुंबई और कोल्हापुर में भी बुरा हाल
बता दें कि पुणे के यरवडा जेल में सबसे ज्यादा 36 कोरोना पॉजिटिव कैदी हैं, जबकि 14 जेल स्टॉफ संक्रमित हो गए हैं. मुंबई से सटे कल्याण आधारवाड़ी जेल में 31 कैदी और 1 जेल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. कोल्हापुर जेल में भी 28 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. मुंबई की बात की जाए तो इस वक्त यहां की जेल में 2 कैदी और 4 जेल स्टॉफ कोरोना पॉजिटिव हैं. ठाणे जेल में 21 कैदी और 3 जेल स्टॉफ कोरोना से पीड़ित हैं, जबकि तलोजा जेल में 3 जेल स्टॉफ कोरोना से पीड़ित हो गए हैं.
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दोगुनी क्षमता से ज्यादा जेलों में रखे गए कैदी
महाराष्ट्र की जेलों के ये आंकड़े इसलिए डरा रहे है क्योंकि जेलों में क्षमता से लगभग दोगुने से ज्यादा कैदियों को रखा गया है. आर्थर रोड जेल में 804 कैदियों की क्षमता है जबकि वहां 2,834 कैदी इस वक्त बंद हैं. ठाणे जेल की क्षमता 1,105 कैदियों की है, जहां 3,758 कैदी बंद हैं. तलोजा जेल जहां इस वक्त सचिन वजे जैसा अपराधी बंद है, उसकी क्षमता 2,124 कैदियों की है. लेकिन वहां 3,353 कैदी बंद हैं.
अगर हम महाराष्ट्र की कुल 46 जेलों की बात करें तो इनकी कुल क्षमता 23,217 कैदियों को बंदी बनाए रखने की है लेकिन इस वक्त इन तमाम जेलों के 34,422 कैदी बंद हैं. इनमें से अधिकतर कैदी वो हैं जिनका अलग-अलग मामलों में ट्रायल चल रहा है. कुछ की तो सजा भी पूरी हो चुकी है. ऐसे में ये समझा जा सकता है कि अगर कोरोना वायरस का लेटेस्ट स्ट्रेन यहां फैला तो ये कितनी तेजी से फैलेगा.
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इससे पहले साल 2020 में भी इसी तरह की स्थिति देखने के लिए मिली थी, तब बहुत से अंडर ट्रायल कैदियों को कोरोना को देखते हुए जमानत दी गई थी. अब जबकि नया कोरोना स्ट्रेन तेजी से अपने पैर फैला रहा है तो सरकार को जल्द ही कोई कदम उठाने की जरूरत है.
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