सिलचर (असम): कोरोना वैक्सीन को लेकर लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. असम के कछार जिले में स्थित सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शून्य डिग्री से कम तापमान में भंडारण के कारण कोविड-19 टीके की 1,000 खुराकें जम गईं और बर्बाद हो गईं. इंडिया टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रशासन ने इसके कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.


टीकाकरण अभियान पर असर नहीं


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कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने कहा कि वर्तमान में जारी टीकाकरण अभियान (Coronavirus Vaccination)  पर इस बर्बादी का असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोविशील्ड (Covishield) टीके की 100 शीशियां मुख्य रूप से भंडारण सुविधा और कोल्ड स्टोर प्रबंधन में खामियों के कारण खराब हो गईं.


जल्ली ने कहा, 'हालांकि, हमने इस घटना की जांच शुरू कर दी है, ताकि खामियों के पीछे का कारण पता चल सके.'


जारी हुआ कारण बताओ नोटिस


उन्होंने कहा कि इसकी वजह से टीकाकरण अभियान में बाधा नहीं आएगी क्योंकि हमारे पास टीके का पर्याप्त भंडार है. असम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ. एस लक्ष्मण ने कहा कि टीके के भंडारण और आपूर्ति के लिए जिम्मेदार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.


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बनाया गया था ये नियम  


देश भर में पिछले शनिवार से कोरोना वायरस वैक्सीन के संचालन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए हेल्थकेयर वर्कर्स को प्रशिक्षण भी दिया गया था. 


वैक्सीनेशन के लिए एक नियम बनाया गया था कि अधिकतम 10 वैक्सीन की शीशी, यानी 100 खुराक, एक दिन में प्रत्येक केंद्र को भेजी जाएंगी. लेकिन असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज के मामले में उस नियम का उल्लंघन किया गया है और इसी वजह से 100 वैक्सीन शीशियां यानी 1000 डोज बर्बाद हो चुकी हैं.