Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत और दूसरे आरोपियों के ठिकानों से 1.10 करोड़ रुपये कैश, 80 लाख का सोना और 10 लाख रुपये की विदेशी करेंसी बरामद की है. एजेंसी ने ये छापेमारी दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तराखंड में 17 ठिकानों पर की थी. ED ने हरक सिंह रावत के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये कार्रवाई की थी, जो उत्तराखंड में दर्ज दो अलग-अलग मामलों पर थी. ये मामले बिरेंद्र सिंह, ब्रिज बिहारी शर्मा, किशन चंद और दूसरे आरोपियों के खिलाफ थी.


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क्या मिला ईडी की जांच में?


ED ने अपनी जांच में पाया कि बिरेंद्र सिंह हरक सिंह रावत का करीबी आदमी है. इसने हरक सिंह रावत और नरेंद्र कुमार वालिया के साथ मिलकर देहरादून में जमीन की दो पावर ऑफ एटॉर्नी को रजिस्टर करवाया. इस पावर ऑफ एटॉर्नी और सेल डीड को अदालत ने रद्द कर दिया था. सेल डीड रद्द होने के बावजूद आरोपियों ने इस जमीन को हरक सिंह रावत की पत्नी दीप्ति रावत और लक्ष्मी सिंह को गलत तरीके से बेच दिया. इस जमीन पर श्रीमती पुर्णादेवी मेमोरियल ट्रस्ट के अधीन दून इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बना दिया गया.


टेंडर निकाला और फिर...


इसके अलावा हरक सिंह रावत ने वन मंत्री रहते पूर्व वन अधिकारी किशन चंद और ब्रिज बिहारी शर्मा के साथ मिलकर फाइनेंशियल टेंडर निकाला जो हरक सिंह रावत के मंत्रिमंडल के जारी करने की तय सीमा से ज्यादा था. इसके अलावा टाइगर को बचाने के अभियान और कैम्पा हेड के लिये जो पैसा था उसमें भी फर्जी दस्तावेजों के जरिये घपला किया गया. 


इतना ही नहीं, आरोपियों ने इस प्रोजेक्ट के लिए 163 पेड़ों को काटे जाने की मंजूरी के बदले 6 हजार पेड़ काट डाले जिससे ना सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हुआ बल्कि सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान हुआ. इसी मामले में की गई छापेमारी में एजेंसी ने जांच के दौरान कैश और सोने के अलावा काफी अहम सबूत जुटाए हैं, जिससे अवैध संपत्तियों के होने का पता चलता है.