भोपाल: 31 अक्टूबर की रात चार लोगों की दरिंदगी का शिकार हुई 19 वर्षीय छात्रा ने पूरे मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ भी सख्त से सख्त सजा की मांग करते हुए कहा कि ऐसे लोगों को जीवित नहीं छोड़ा जाना चाहिए. पीड़िता के चेहरे पर उस काली रात के खौफ़ का मंजर साफ छलक रहा था. पीड़िता को सबसे ज्यादा गुस्ता भोपाल पुलिस की कार्यशौली को लेकर था. ANI से अपनी पीड़ा बयां करते हुए उसने कहा कि वह अपने पिता के साथ इस थाने से उस थाने भटकती रही लेकिन किसी भी पुलिसवाले ने उनकी मदद नहीं की, उल्टा उसके साथ हादसे पर ही सवाल उठाने लगे. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पीड़िता से मिलने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अनुराधा शंकर उसके घर गईं. उन्होंने आरोपियों को पकड़ने में पीड़िता के साहस की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर वह हिम्मत नहीं दिखाती तो आरोपी पकड़े नहीं जाते. इस दौरान पीड़िता ने पुलिस अधिकारी को बताया कि वह दुष्कर्म करने वाले राक्षसों से लड़ेगी और उन्हें सजा दिलवाकर ही रहेगी. उधर, शासन ने पीड़िता को तीन लाख रुपये की आर्थिक मदद और शिक्षा में पूरा सहयोग करने की घोषणा की है. 


भोपाल गैंगरेप: तीन घंटे तक दरिंदों ने छात्रा से की दरिंदगी, पुलिस ने बताई फिल्मी कहानी


बता दें कि 31 अक्टूबर, मंगलवार की शाम सात बजे हबीबगंज थाना इलाके में रेलवे लाइन के पास कोचिंग क्लास से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा को चार बदमाशों ने पहले अगवा किया और बाद में रेलवे लाइन की पुलिया के नीचे ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. पीड़िता बीएससी की छात्रा है और सिविल सर्विस परीक्षा की कोचिंग ले रही है. रेप के बाद बदमाशों ने लड़की का गला दबाकर मारने की कोशिश भी की. लड़की के बेहोश हो जाने के बाद चारों बदमाश उसे मरा समझकर वहां से फरार हो गए. 


बाद में होश आने पर पीड़िता किसी तरह अपने घर पहुंची और घटना के बारे में अपने परिजनों को बताया. छात्रा के पिता, जो कि खुद रेलवे पुलिस में हैं, अपनी बेटी को लेकर पुलिस थानों के चक्कर काटते रहे, लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की थी. अगल दिन खुद पीड़िता ने पुलिस से कोई मदद मिलती न देख अपने माता-पिता के साथ उन चार दरिंदों में से एक को खोजकर पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले पर राजनीति गर्माने और शासन के सख्त होने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उधर, मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सिटी एसपी, तीन इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया था. पूरे मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद संज्ञान लिया था.