Delhi Crime news: आज से कुछ दशक पहले डकैत जंगलों में रहते थे और रात के समय घरों में घुस कर लूटपाट करते थे, लेकिन आज 21वीं सदी में ये डकैत इंटरनेट पर आ गए हैं और लूटपाट दिन-रात किसी भी समय कर रहे हैं. ऐसी ही एक साइबर डकैती का मामला सामने आया है. देश की राजधानी दिल्ली से जहां शिव कौशिक नाम के एक व्यापारी के खाते से लुटेरों ने एक दो नहीं पूरे 75 लाख रुपये लूट लिए.


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देखते-देखते 75 लाख रुपये कर दिए पार


शिव कौशिक को लूट के बारे में तब पता चला जब उन्हें TDS के लिए पैसे देने थे, TDS पेमेंट के दौरान उन्हें पता चला कि जिस एकाउंट में कुछ घण्टे पहले लाखों रुपये थे, उसमें अभी सिर्फ 10 लाख रुपये बचे हैं और 65 लाख निकल चुके हैं. इसके बाद पीड़ित शिव कौशिक ने पूरा मामला बैंक के कस्टमर केयर को बताया और उनका एकाउंट फ्रीज करने की मांग की, लेकिन पीड़ित के मुताबिक कस्टमर केयर ने उनसे कहा कि वो उनका एकाउंट फ्रीज नहीं कर सकते, खुद शिव कौशिक की 5 बार गलत पासवर्ड डाल कर अपना एकाउंट फ्रीज कर दें. लेकिन जब तक शिव कौशिक ने यह प्रक्रिया अपनाई तब तक उनके खाते से 10 लाख रुपये और निकल चुके थे.


कुल 4 खातों में भेजे गए पैसे


बैंक के चक्कर कांटने के दौरान उन्हें अपने खाते का स्टेटमेंट मिला जिसमें दर्ज था कि उनके खाते से 75 लाख रुपये 11 बार में कुल 4 खातों में साइबर अपराधी ने ट्रांसफर किये थे, जिसमें से 3 एकाउंट पश्चिम बंगाल के कोलकाता में थे और 1 मध्यप्रदेश के इंदौर में था. शिव कौशिक के पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी ऐसे में हताश शिव कौशिक तुरन्त दिल्ली साइबर ब्रांच के पास गए और मामले की एफआईआर दर्ज करवाई. एफआईआर कॉपी बैंक को भेजने के बाद उन्होंने बैंक से उनके पैसे वापस रिवर्स करने के लिए कहा लेकिन शिव कौशिक के मुताबिक बैंक के अधिकारियों ने इस फ्रॉड के लिए उनकी गलती को ही जिम्मेदार बता कर पैसे वापस करने से मना कर दिया.


घटना को हो गए 5 महीने


आज घटना को 5 महीने से ज्यादा समय हो चुका है. पीड़ित व्यापारी शिव कौशिक के मुताबिक वो आज भी साइबर पुलिस से लेकर बैंक तक के पास अपनी एड़ियां घिस रहे हैं और बीपी के मरीज बन चुके हैं. हर महीने टैक्स दें रहे हैं लेकिन उनके लूटे गए पैसे आज तक वापस उन्हें नहीं मिल पाए हैं. न बैंक के अधिकारी उनकी सुन रहे हैं, न ही पुलिस से कुछ मदद मिल रही है.


साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल ने दी विशेष जानकारी


साइबर कानून विशेषज्ञ पवन दुग्गल के मुताबिक साइबर फ्रॉड से पीड़ित व्यक्ति के लुटे हुए पैसे वापस करवाने के लिए बने RBI के कानून में कुछ ऐसे पेंच हैं जो पीड़ितों की मदद करने में नाकाम हैं और इसी का फायदा आज साइबर अपराधी उठा रहे हैं. पवन दुग्गल के मुताबिक RBI का कानून कहता है कि अगर आपके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है तो बैंक से 72 घंटे में शिकायत करने पर आपके पैसे वापस करना बैंक की जिम्मेदारी है. बशर्ते गलती पीड़ित की न हो. इसी गलती वाली शर्त को आधार बना कर बैंक के अधिकारी पैसे वापस करने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं और यह अपराधी के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. ऐसे में आज जरूरत है कि सरकारी कानून पीड़ित की मदद करें न कि अपराधी के लिए लूपहोल बने.


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