Dreaded Dacoits of India: आपने फिल्में में डाकुओं के जीवन को तो खूब देखा होगा. लेकिन असली डाकुओं से शायद ही कभी पाला पड़ा होगा. आज हम आपको 4 ऐसे खतरनाक डाकुओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका अपने जमाने में सिक्का चलता था. उनसे आम लोग तो क्या पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी डरते थे. लूट, हत्या, फिरौती के लिए अपहरण उनके लिए बायें हाथ का खेल था. जब उन  डाकुओं के कहीं आने की सूचना मिलती थी तो लोगों में सिहरन दौड़ जाती थी. उनमें से कुछ डाकुओं ने बाद में अपनी मर्जी से सरेंडर कर दिया और मुख्यधारा में वापस आ गए. जबकि कुछ डाकू पुलिस की गोली से मारे गए. आइए उन खूंखार डाकुओं के बारे में आपको बताते हैं. 


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वीरप्पन (Veerappan)


वीरप्पन भारतीय इतिहास का सबसे खूंखार डाकू (Dreaded Dacoits of India) था. वह कर्नाटक तमिलनाडु को जोड़ने वाले जंगल में रहा करता था. हाथी दांत और चंदन की लकड़ियों की तस्करी करना उसका मुख्य पेशा था. वह इतना खतरनाक था कि उसके नाम से ही लोग थर-थर कांपते थे. उसने वर्ष 1970 से अपने आपराधिक कारनामों को अंजाम देना शुरू किया. उसे पकड़ने की कोशिश करने पर उसने 80 से ज्यादा पुलिसकर्मियों और फॉरेस्ट रेंजर्स को मार दिया था. कई सालों की मेहनत के बाद आखिरकार तमिलनाडु स्पेशल टास्क फोर्स ने एक अभियान चलाकर उसे जंगल से बाहर लाकर मार गिराया था.  


निर्भय सिंह गुर्जर (Nirbhay Gurjar)


निर्भय सिंह गुर्जर चंबल के बीहड़ों का खतरनाक डकैत (Dreaded Dacoits of India) था. उसने लूट, अपहरण और हत्या की वारदातों को अंजाम देकर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अपनी दहशत कायम कर रखी थी. उसे जिस भी ग्रामीण पर मुखबिर होने का शक होता था, उसे वह तुरंत गोली से उड़ा देता था. मध्य प्रदेश सरकार ने उसे जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर ढाई लाख रुपये का इनाम रखा था. आखिरकार यूपी एसटीएफ ने वर्ष 2005 में निर्भय गुर्जर को मार गिराने में कामयाबी हासिल कर ली थी. 


फूलन देवी (Phoolan Devi)


फूलन देवी ऐसी महिला डकैत (Dreaded Dacoits of India) थी, जिसे परिस्थितियों ने हथियार उठाने पर मजबूर कर दिया. कहते हैं कि उसके साथ बचपन में गैंग रेप किया गया और पिता को मार दिया गया. इस अपमान का बदला लेने के लिए वह चंबल के बीहड़ चली गई और हथियार उठा लिए. इसके बाद उसने एक-एक करके अपने दुश्मनों से बदला लेना शुरू किया. उसने बेहमई में एक लाइन में खड़ा करके 20 ठाकुरों को गोलियों से भून डाला था. फूलन के जीवन पर फिल्म भी बनी. बाद में सांसद रहने के दौरान शेर सिंह नाम के हत्यारे ने गोली मारकर उसका मर्डर कर दिया. 


मान सिंह (Maan Singh)


डाकू मान सिंह भी चंबल के बीहड़ का बेहद खतरनाक डाकू (Dreaded Dacoits of India) था. उसका आतंक वर्ष 1935 से लेकर 1955 तक रहा. इस दौरान उसने करीब 1,112 डकैतियों को अंजाम दिया. डकैती में बाधक बनने पर वह तुरंत गोली चला देता था. मानसिंह ने अपने पूरे जीवनकाल में 182 लोगों को बेरहमी से मारा. इसमें वे 32 लोग भी शामिल थे, जो उसे पकड़ने के अभियान में शामिल थे. आखिरकार पुलिस को सफलता मिली और वर्ष 1955 में मानसिंह और उसके डकैत बेटे सूबेदार सिंह का एनकाउंटर कर दिया गया.