दलाई लामा ने परमाणु हथियारों के खिलाफ उठाई आवाज, चीन को लेकर कही ये बड़ी बात
दलाई लामा ने अपने हिरोशिमा टूर को याद करते हुए बाया कि उन्हें वहां हुई तबाही के निशान देखने को मिले थे. बता दें कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम गिराए गए थे.
बौध धर्म के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने सामूहिक विनाश करने वाले हथियारों के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है. बिहार के बोधगया में उन्होंने सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान जापान पर हुए परमाणु हमले को याद किया और उससे हुई तबाही के बारे में बात करते हुए दुनिया भर के लोगों से सामूहिक रूप से विनाश करने वाले हथियारों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की.
दलाई लामा ने अपने हिरोशिमा टूर को याद करते हुए बाया कि उन्हें वहां हुई तबाही के निशान देखने को मिले थे. बता दें कि सेकंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 6 अगस्त 1945 को जापान के हिरोशिमा पर और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम गिराए गए थे.
बोधगया के कालचक्र मैदान में मशहूर विद्वान नागार्जुन पर दलाई लामा ने संबोधन दिया. इससे पहले नोबेल का शांति पुरस्कार जीत चुके दलाई लामा ने जापान के लोगों मुलाकात की. इन जापानी लोगों ने दलाई लामा को ज्योति मशाल भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया.
'विनाश को अपनी आंखों से देखा'
अपने संबोधन के दौरान दुनिया भर के लोगों से अपील करते हुए आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने कहा, ‘जापान में पहली बार मैंने परमाणु बम से बड़े पैमाने पर हुए विनाश को अपनी आंखों से देखा. अब दुनिया के बहुत से देशों ने परमाणु बम तैयार कर लिए हैं. हालांकि, ऐसे भी लोग हैं जो लगातार इन हथियारों को विरोध करते रहे हैं.’
दलाई लामा ने कोरोना महामारी पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह बीमारी चीन से शुरू हुई और पूरी दुनिया में फैल गई. ये वायरस काफी गंभीर है. हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द इसका प्रभाव कम हो.’
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