नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर से बच्चों को होने वाले संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए सरकार के बड़ा कदम उठाया है. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (COVAXIN) को 2 से 18 साल के बच्चों पर ट्रायल की मंज़ूरी दे दी है. DCGI ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कोवैक्सीन के दूसरे/तीसरे चरण के लिए ट्रायल को मंजूरी दी गई है. माना जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक बच्चों के लिए वैक्सीन आ जाएगी.


525 Volunteers होंगे Trial में शामिल


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भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की ओर से वैक्सीन ट्रायल 525 वॉलंटियर्स पर किया जाएगा. ये 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर किया जा रहा कोवैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल का दूसरा और तीसरा फेज होगा. वैक्सीन दो डोज वाली होगी और पहली और दूसरी डोज के बीच 28 दिन का अंतर होगा. भारत बायोटेक के मुताबिक, वैक्सीन को इंजेक्शन के माध्यम से लगाया जाएगा.



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Expert Committee ने की थी सिफारिश 


जानकारी के अनुसार, दिल्ली और पटना AIIMS में यह ट्रायल किया जाएगा. इसके अलावा, नागपुर के मेडिट्रिना मेडिकल साइंस इंस्टीट्यूट में भी ट्रायल होंगे. माना जा रहा है कि साल के अंत तक बच्चों के लिए वैक्सीन तैयार हो सकती है. बता दें कि कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने मंगलवार को सिफारिश की थी कि भारत बायाटेक की कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी देनी चाहिए, जो कि 2 से 18 वर्ष के बच्चों पर किया जाएगा.


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Second Wave से बच्चों को खतरा


भारत में अभी कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है. विशेषज्ञों ने चेताया है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगी. इसी को ध्यान में रखते ही सरकार ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. कोवैक्सीन के ट्रायल को मंजूरी इसी का हिस्सा है. गौरतलब है कि देश में अभी तक जिन दो कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनका क्लीनिकल ट्रायल 18 साल से अधिक उम्र के लोगों पर ही किया गया है. भारत में फिलहाल सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन लगाई जा रही है.