डियर जिंदगी : आप भी विरोध से डरते हैं !
कभी ऐसा गुलाब देखा है, जिसमें कांटे न हों. मुझे नहीं दिखा, उम्मीद है आपको भी नहीं मिला होगा. प्रतिष्ठता और सफलता जीवन के ऐसे गुलाब हैं, जो कांटों के बिना नहीं उग सकते. बिना कांटों के गुलाब के अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती. इसी तरह बिना मुश्किलों, विरोधियों के जीवन की सफलता संभव नहीं है. 'डियर जिंदगी' के युवा पाठकों ने अपने संदेश, संवाद में कहा है कि जरा सी कामयाबी विरोधियों, आलोचकों की संख्या बढ़ा देती है. दोस्त ही सबसे बड़े प्रतिस्पर्धी बन जाते हैं. इसलिए आज के संवाद का फोकस विरोधियों का डर है.
ये भी पढे़ं: डियर जिंदगी : कितना वक्त हुआ अपने मन से मिले हुए ...
हमारा अरमान गुलाब की खेती का है और दिल को डर लगता है, कांटों से! तो जिंदगी कैसे चलेगी. इसलिए जरूरी है कि पहले डर से डरना छोड़िए. अगर आप तीस बरस 'प्लस' हैं लेकिन आपका कोई विरोधी नहीं, आपके बारे में कोई विवाद नहीं. आपके बारे में कोई निगेटिव कमेंट नहीं तो यकीन मानिए कि आपकी प्रतिभा पर निश्चित रूप से संदेह किया जाना चाहिए.
सफलता और विरोध, निंदा साथ-साथ चलने वाली चीजें हैं. जिंदगी में जिसका विरोध नहीं, उसकी सफलता असंभव है. एक भी ऐसे नायक का नाम बताइए, जिसके विरोधी न हों. असल में ऐसा नायक संभव ही नहीं, जिसके विरोधी न हों. इस बात को आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिसके विरोधी नहीं होंगे, वह नायक /लीडर बन ही नहीं सकता.
ये भी पढे़ं: डियर जिंदगी : दिल के दरवाजे खुले रखें, जिंदगी रोशन रहेगी
जो निर्णय लेने का जोखिम नहीं उठा पाएगा, उसके सबको साधने की कोशिश में उलझने का खतरा बढ़ सकता है. यह हर क्षेत्र में बराबरी से देखने को मिलता है. इसकी रेंज में राजनीति, खेल, समाज सभी प्रोफेशन आते हैं. आप किसी भी ऐसे सेक्टर का नाम नहीं ले सकते जहां लीडरशिप की जरूरत न हो. वास्तव में लीडर चुने जाते ही आपके विरोधी बनने शुरू हो जाते हैं, क्योंकि जैसे ही आपको चुना जाता है, दूसरे के मन में भावना आती है कि वह क्यों नहीं चुना गया. व्यक्ति हमेशा दूसरों को कम काबिल लगता है, उसमें कमियां नजर आने लगती हैं. असफल लोग हमेशा उसकी कमियों की बात करते हुए अपनी जिंदगी गुजार देते हैं, लेकिन कभी उसकी खूबियों पर ध्यान देने की कोशिश नहीं करते, जिसके कारण कोई 'चुना' गया.
इसलिए आपको विरोधियों से डरने की जगह उनको अपने निर्णय से प्रभावित करने पर ध्यान देना चाहिए. अपने काम पर ध्यान देने, आगे बढ़ते रहने की आदत पर फोकस कीजिए. विरोधियों की टिप्पणियों पर उलझिए नहीं. हां, मित्रों की तर्कसंगत आलोचना को लेकर जरूर सजग रहिए. आपके विरोधियों की बढ़ती संख्या का एक ही अर्थ है, आपकी प्रतिष्ठा, सफलता का ग्राफ ऊपर जा रहा है. दूसरों के प्रति विनम्र रहिए लेकिन विरोध से डरिए नहीं. जीवन में आगे बढ़ने वालों को असल में वही मिलता है, जो डरने वाले बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं.
(लेखक ज़ी न्यूज़ में डिजिटल एडिटर हैं)
(https://twitter.com/dayashankarmi)
(अपने सवाल और सुझाव इनबॉक्स में साझा करें: https://www.facebook.com/dayashankar.mishra.54)