अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद जिले में झूठी शान के लिए हत्या (Honor Killing) के एक मामले में यहां की एक अदालत ने अपनी गर्भवती बहन और उसके पति की हत्या करने के दोषी पाए गए एक व्यक्ति को मौत की सजा (Death Sentence) सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे ए ठक्कर की अदालत ने मंगलवार को कहा कि यह मामला ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ श्रेणी में आता है और दोषी विवाहित जोड़े और उनके अजन्मे बच्चे की तिहरी हत्या के लिए अधिकतम मौत की सजा का हकदार है. 


चाकू से कई बार किए वार


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दरअसल, सितंबर 2018 में हार्दिक चावड़ा ने अपनी 21 साल की गर्भवती बहन (Pregnant Sister) तरुणबेन और उसके 22 साल के पति विशाल परमार की सरेआम चाकू मार कर हत्या कर दी थी. हार्दिक ने दोनों पर चाकू से कई बार वार किए थे. तरुणबेन ने अपने परिवार की इच्छा के खिलाफ विशाल से शादी (Marriage) की थी, जिसके कारण उसके परिवार के सदस्य उससे बेहद नाराज थे. 


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अदालत ने दी मौत की सजा


अदालत (Court) ने कहा कि दोषी को मौत की सजा देने में किसी भी तरह की ढील देने से उस मानसिकता को बढ़ावा मिलेगा जो लोगों को झूठी शान के लिए हत्या (Honor Killing) को अंजाम देने के लिए प्रेरित करती है. अदालत ने आगे कहा कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि ऐसा करना समाज में महिलाओं के साथ अन्याय (Injustice) होगा. 


'महिलाओं को जीवन साथी चुनने का अधिकार'


अदालत ने कहा कि महिलाओं को अपना जीवन साथी चुनने का अधिकार है. चावड़ा को भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 302 (हत्या) और 316 (अजन्मे बच्चे की मौत का कारण बनना) के तहत दोषी (Guilty) ठहराया गया था. 


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एफआईआर के आधार पर किया था गिरफ्तार


26 सितंबर, 2018 को साणंद पुलिस थाने में मृतक विशाल के भाई ललित परमार द्वारा दर्ज प्राथमिकी (FIR) के आधार पर हार्दिक को गिरफ्तार किया गया था. प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने कहा था कि तरुणबेन ने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी की थी. उसके परिवार वाले इस शादी से खुश नहीं थे.


(इनपुट - भाषा)


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